Tuesday, December 8, 2015

प्राइवेट बसें चलाने की नीति पर सरकार का रवैय्या अड़ियल

हरियाणा सरकार नई परिवहन नीति पर अपने कदम वापस खींचने को तैयार नहीं है। नई परिवहन नीति वापस लेने की कर्मचारी नेताओं की मांग को छोड़कर बाकी सभी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार राजी है। परिवहन नीति पर सरकार के अड़ियल रुख से नाराज कर्मचारियों ने 11 दिसंबर को अपना आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। इस दिन कर्मचारी नई परिवहन नीति की प्रतियां फूकेंगे। यह पोस्ट
आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार के साथ करीब दो घंटे तक चली समझौता वार्ता में आधा दर्जन समस्याओं के समाधान पर सहमति बन गई, लेकिन सरकार किराए पर प्राइवेट बसें चलाने का अपना फैसला वापस लेने को तैयार नहीं हुई है। समझौता वार्ता में रोडवेज कर्मचारियों की तीनों यूनियन शामिल हुई। इन तीनों यूनियन ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के नाम से संगठन बनाया हुआ है। परिवहन मंत्री ने 2012 व 2014 में भर्ती सभी कर्मचारियांे को एलटीसी देने का पत्र जारी करने, उनका ईपीएफ जमा कराने, चालक परिचालकों को कर्मशाला के समान छुट्टियां देने, तकनीकी स्केल सभी डिपुओं में एक समान हैल्पर से लागू करने और वरिष्ठ कर्मचारी का वेतनमान उससे ज्यादा ले रहे कनिष्ठ के बराबर करने पर सहमति जताई है। सेवानिवृति के बाद मेडिकल भत्ता जारी रखने, टीए व ओवरटाईम का भुगतान तथा कर्मशाला कर्मियों के रात्रि भत्ते के भुगतान प्रत्येक माह करने पर भी मंत्री तैयार हो गए। मंत्री ने परिचालकों के लिए रेजगारी का प्रबंध करने, सभी श्रेणी के कर्मचारियों को स्थाई पदों के विरुद्ध कन्फर्म करने, परिचालको के प्रमोशन तीन माह के अंदर तथा दूसरी श्रेणियों के प्रमोशन एक महीने के अंदर किए जाने और ठेकेदार के अधीन कर्मचारियों का पीएफ जमा कराने संबंधी मांगों को भी पूरा कराने का भरोसा दिलाया। समझौता वार्ता में पेंच नई परिवहन नीति पर फंस गया। कर्मचारी नेताओं ने सुझाव दिया कि सरकार पहले विभाग की वर्षो से खड़ी 950 बसों को चलाए और उनके लिए पक्के ड्राइवर भर्ती करे और बसों की संख्या बढ़ाकर 10 हजार की जाए। इस पर सरकार सहमत नहीं हुई। हरियाणा रोडवेज वकर्स यूनियन की ओर से समझौता वार्ता में शामिल सरबत सिंह पूनिया और धर्मबीर हुड्डा, रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर दलबीर नेहरा और जगमोहन अंतिल तथा हरियाणा रोडवेज वकर्स यूनियन (इंटक) के प्रतिनिधि अनूप सहरावत और जगतार सिंह सोढ़ी ने मंत्री से कहा कि यदि सरकार नई परिवहन नीति वापस नहीं लेती तो 11 दिसंबर का आंदोलन जारी रहेगा। 
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साभारजागरण समाचार 
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