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हरियाणा शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में प्रदेश में लगाए गए कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती में कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी करने का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में अवैध तरीके से वसूली गई राशि लौटाने के लिए कंपनियों को आदेश दिया गया है। प्रदेश में करीब 10 माह पहले 2622 कंप्यूटर शिक्षकों को भर्ती किया गया था। सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक लगाने का ठेका तीन निजी कंपनियों को सौंपा गया। इन कंपनियों ने कंप्यूटर शिक्षक लगाने के लिए आवेदकों से बतौर सिक्युरिटी 24-24 हजार रुपए व ट्रेनिंग के नाम पर भी 2250 रुपए वसूले। इस तरह इन कंपनियों ने कंप्यूटर शिक्षकों को लगाने के नाम पर ही करोड़ों रुपए वसूल लिए। संदेह होने पर कंप्यूटर शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय से आरटीआई मांगी तो कंपनियों की पोल खुल गई। शिक्षा निदेशालय की ओर से जवाब में बताया गया कि उन्होंने कंपनियों को किसी भी तरह की सिक्योरिटी व ट्रेनिंग फीस वसूलने की छूट नहीं दी थी। कंपनियों ने अगर वसूली की है तो वह पूरी तरह अवैध है। इस खुलासे के बाद कंप्यूटर शिक्षकों ने निजी कंपनियों के खिलाफ आवाज उठानी शुरू की थी। कंप्यूटर टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान बलराम दीमान का कहना है कि कंपनियों की धांधली का खुलासा जांच रिपोर्ट में भी हो चुका, लेकिन सिक्योरिटी नहीं लौटाई गई। एसोसिएशन ने जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया है। कंपनियों की सीबीआई जांच की जाए। निदेशक ने अपने पत्र में कंपनियों को साफ तौर पर बताया कि जांच रिपोर्ट में उनका भ्रष्टाचार सामने आ चुका है। वे 31 मार्च तक सिक्युरिटी व ट्रेनिंग फीस वापस करें। निदेशक के इस पत्र के बावजूद भी कंपनियों ने वसूली गई राशि को नहीं लौटाया।