साभार: अमर उजाला समाचार
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के सूत्रों ने बड़ी जानकारी दी है। विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने बृहस्पतिवार को अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी हैं। बता दें कि एयरलाइन के 119 विमानों के बेड़े में
तीन चौथाई से अधिक के परिचालन से बाहर होने के बाद यह कदम उठाया गया है। इस बीच नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने बड़ा निर्देश दिया है। प्रभु ने अपने मंत्रालय सचिव को जेट एयरवेज के परिचालन से जुड़े मुद्दों की समीक्षा करने का निर्देश भी दिया है। वहीं कंपनी ने अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सोमवार 15 अप्रैल तक रद्द कर दिया है।
साथ ही यह भी कहा है कि यात्रियों को कम-से-कम दिक्कत हो, इसके लिए सभी संभव कदम उठाए जाएं। उनकी सुरक्षा में कोई कमी नहीं आए। प्रभु ने बताया कि जांच में इस बात का भी आकलन किया जाएगा कि क्या संकटग्रस्त जेट एयरवेज फिर से सुचारू रूप से उड़ान भर पाएगी।
प्रभु ने एक सप्ताह पहले ही कहा था कि वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को बाहर निकालने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी। सरकार को विमानन कंपनी की मदद करने के लिए किसी तरह का सौदा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मंत्रालय को किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक लेनदेन में दखल नहीं देनी चाहिए। रेल मंत्री रहने के दौरान भी मैंने ऐसा किया था। यह मसला बैंक और एयरलाइन प्रबंधन के बीच का है।
परिचालन से बाहर हुए 90 फीसदी विमान: जेट एयरवेज का संकट गहराता जा रहा है। सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ही नहीं, एयरलाइन ने बृहस्पतिवार को यह भी कहा कि पट्टा यानी लीज किराये का भुगतान नहीं करने से 10 और विमानों का परिचालन बंद हो गया है। इसके साथ परिचालन से बाहर होने वाले विमानों की संख्या 79 पहुंच गयी है। शुक्रवार को जेट एयरवेज के केवल 16 विमान परिचालन में रह गए हैं।
कंपनी ने बीएसई को दी सूचना: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई को दी सूचना में एयरलाइन ने कहा कि पट्टा समझौते के तहत पट्टे की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण 10 अन्य विमानों का परिचालन बंद करना पड़ा है। कोष जुटाने में लगी जेट एयरवेज ने कहा कि वह अपने नेटवर्क पर बाधाओं को कम करने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कंपनी के बयान के अनुसार, 'कंपनी इस संदर्भ में जरूरी जानकारी से नागर विमानन महानिदेशालय को अवगत कराती रहेगी।'
गोयल को सता रही कंपनी की चिंता: गुरुवार को खबर आई थी कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल कंपनी में फिर से अपनी हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। गोयल ने संकट में फंसी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज में अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के पास गिरवी रखी है। यह हिस्सेदारी कर्ज के लिए सुरक्षा गारंटी है। बता दें कि ऋण समाधान योजना के तहत, नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल पिछले सप्ताह कंपनी के निदेशक मंडल से हट गए थे।
एयरलाइन ने शेयर बाजार को दी सूचना: गुरुवार को जेट एयरवेज ने शेयर बाजार को सूचना दी थी कि गोयल ने पंजाब नेशनल बैंक के पास 2.95 करोड़ शेयर यानी 26.01 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी रखी है। जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड द्वारा लिए गए कर्ज के लिए सुरक्षा के तौर पर यह हिस्सेदारी चार अप्रैल को गिरवी रखी गई है।