Wednesday, October 10, 2018

Foreign Language: बढ़ाएं अपने हुनर के साथ साथ कमाई भी

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार 
हाल के वर्षो में स्टूडेंट्स के बीच फ्रेंच, जर्मन, चाइनीज, जापानीज जैसे सीखने के प्रति काफी क्रेज देखा जा रहा है। करियर के लिहाज से भी यह अधिक फायदेमंद साबित हो रहा है। दरअसल, इसके जरिए स्टूडेंट्स का करियर स्कोप
अधिक हो जाता है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि तेज आर्थिक विकास को देखते हुए भारत में आने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों में कार्य करने के लिए जिन लोगों को अंग्रेजी के अलावा संबंधित कंपनी के देश की भाषा आती है, तो उन्हें नौकरियों में प्राथमिकता मिल जाती है। इसके अलावा, टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी जैसे अन्य क्षेत्रों में भी विदेशी भाषा के जानकारों के लिए नई-नई संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। की इसी बढ़ती डिमांड को देखते हुए विभिन्न संस्थानों के अलावा मोबाइल एप और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आजकल तमाम लैंग्वेजेज सिखाने पर खासा जोर दिया जा रहा है।
बढ़ रहे अवसर: लैंग्मा स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज के डायरेक्टर संजीव रावत के अनुसार, विदेशी भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद छात्रों के लिए देश तथा विदेश में हेल्थकेयर, शिक्षा, टूरिज्म, होटल इंडस्ट्री, दूतावास इत्यादि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। खास तौर से खुली अर्थव्यवस्थाओं के इस दौर में मल्टीनेशनल कंपनियां अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों में अपने ऑफिस और ब्रांचेज स्थापित कर रही हैं। मेक इन इंडिया अभियान के बाद से देश में ऐसी कंपनियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। इस तरह की बहुत-सी कंपनियां अंग्रेजी के अलावा अपनी भाषा में कार्य करने को अधिक प्राथमिकता देती हैं, ताकि उन कंपनियों के अधिकारियों को भारतीय समकक्षों से बात करने में भाषाई दिक्कत न आए। जाहिर है आने वाले दिनों में भी हिंदी और अंग्रेजी के अलावा कोई जानने वालों के लिए जॉब की संभावनाएं और तेजी से बढ़ेंगी।
कोर्स एवं योग्यताएं: कोर्स करने के लिए वैसे तो कोई विशेष शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर इसे आप एडऑन कोर्स के तौर पर करना चाह रहे हैं, तो 12वीं के बाद यह कोर्स कर सकते हैं। वैसे, आजकल सीबीएसई समेत कई स्कूलों में को वैकल्पिक विषय के रूप में भी पढ़ाया जा रहा है, जहां आप स्कूली शिक्षा के दौरान ही कोई एक विशेष देसी या विदेशी भाषा एक विषय के रूप में पढ़ सकते हैं। आमतौर पर इस तरह के कोर्स छह माह से लेकर डेढ़ साल तक की अवधि के हैं। में अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम भी आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। बैचलर कोर्सेज के अलावा आप लैंग्वेज में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू सहित कई विश्वविद्यालयों में इस तरह के कोर्स संचालित हो रहे हैं।
इन भाषाओं में संभावनाएं: अगर विदेशी भाषाओं की बात करें, तो फ्रेंच, जापानीज, चाइनीज, रशियन, स्पैनिश, कोरियन, इटैलियन, पर्सियन, अरेबिक, जर्मन, डच जैसी भाषाओं में दक्षता हासिल करना आजकल करियर के लिहाज से बेहतर माना जाता है, जबकि देसी भाषाओं में हिंदी, पंजाबी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम और बंगाली भाषाओं की काफी पूछ है।
जॉब्स प्रोफाइल: सीखकर आप आजकल कई रूपों में अपना करियर बना सकते हैं। स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय में पढ़ाने के अलावा किसी भी फाइव स्टार होटल, ट्रैवेल एजेंसी में दुभाषिए या एंटरप्रेटर के तौर पर करियर शुरू कर सकते हैं। सरकारी और निजी संस्थानों में और भी कई तरह से अपना करियर संवार सकते हैं जैसे:
  • एंटरप्रेटर: टेलीकॉन्फ्रेंसिंग और वीडियोकॉन्फ्रेसिंग जैसी तकनीकों के आ जाने से अब आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ उनकी भाषा में मीटिंग कर सकते हैं। किसी सरकारी या बिजनेस डेलिगेशन का हिस्सा बनकर भी एंटरप्रेटर की भूमिका निभा सकते हैं।
  • ट्रांसलेटर: तमाम बिजनेस कंपनियों को अपने बिजनेस पार्टनर या क्लाइंट्स से कम्युनिकेशन करने के लिए ट्रांसलेटर्स की जरूरत पड़ती है। आप रेगुलर या पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर यह काम कर सकते हैं।
  • बीपीओ: देश-विदेश की कंपनियों को आउटसोर्सिग सेवाएं देने वाले बीपीओ सेक्टर में भी आजकल ऐसे लोगों की भारी मांग देखी जा रही है, क्योंकि ऐसे प्रोफेशनल संबंधित विदेशी क्लाइंट की भाषा में उससे कम्युनिकेट करने में काफी सहज महसूस करते हैं। ये लोग डेटा प्रोसेसिंग से लेकर अन्य जॉब्स में भी बखूबी अपनी स्किल का उपयोग कर रहे हैं। यही वजह है कि विदेशी भाषा में प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स को बीपीओ और कॉल सेंटर्स में प्राथमिकता दी जाती है। इस क्षेत्र में सैलरी पैकेज भी युवाओं को बहुत अच्छा मिलता है।
  • फॉरेन सर्विसेज: फ्रेंच, जर्मन और रशियन जैसी भाषाएं सीखकर आप विभिन्न देशों के दूतावासों सहित सरकारी विभागों में भी नौकरी पा सकते हैं।
  • अध्यापन: सीखकर टीचिंग भी आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। सीबीएसई और आइसीएसई सहित कई राज्य बोर्डो की तरफ से अपने स्कूलों में इस तरह के विषय पढ़ाए जा रहे हैं। कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जहां लैंग्वेज टीचर के रूप में काम कर सकते हैं। आप चाहें तो पार्ट टाइम भी इन संस्थानों में टीचिंग कर सकते हैं।
  • गाइड: पर्यटन के क्षेत्र में गाइड की जरूरत हमेशा से रही है, लेकिन हाल के वर्षो में देश में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा मिलने से तथा नए-नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने पर जोर दिए जाने से विदेशी भाषा के जानकार इस फील्ड में गाइड के तौर पर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। यह काम आप स्वतंत्र रूप से या किसी होटल, ट्रैवेल एजेंसी के साथ जुड़कर भी कर सकते हैं।
सैलरी: विदेशी भाषा के जानकारों को इन दिनों किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में 30 से 35 हजार रुपये तक की मासिक सैलरी आसानी से मिल जाती है। एक अच्छे एंटरप्रेटर को 10 से 12 लाख रुपये तक सालाना पैकेज मिल रहा है। गाइड के तौर पर भी आप हर महीने 50 हजार रुपये से लाख रुपये तक कमा सकते हैं।