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साभार: जागरण समाचार
बरवाला के सतलोक आश्रम संचालक रामपाल पर चार साल बाद हत्या के केस में बृहस्पतिवार को फैसला आएगा। सेंट्रल जेल-1 में बनी विशेष अदालत में एडीजे डीआर चालिया यह फैसला सुनाएंगे। रामपाल के फैसले
को देखते हुए हिसार हाई अलर्ट पर है। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। रूट डाइवर्ट रहेगा। कोर्ट, जेल, लघु सचिवालय सहित शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जिनमें डीआइजी सहित कई जिलों के एसपी, डीएसपी भी शामिल हैं। पेरामिलिट्री फोर्स भी स्पेशल ड्यूटी पर लगाई गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस से पूरी जानकारी ली। शहर में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला।
बता दें कि 18 नवंबर 2014 को सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को बरवाला स्थित आश्रम से बाहर निकालने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू किया था। पहले ही दिन काफी लोग घायल हुए थे, लेकिन समर्थक नहीं हटे थे। अगले दिन रामपाल स्वयं बाहर निकला था। इस दौरान पांच महिलाओं सहित एक बच्चे की मौत हुई थी। पुलिस ने एफआइआर नंबर 429 और 430 नंबर दर्ज की थी। एफआइआर नंबर 429 में रामपाल के अलावा 15 लोग और एफआइआर नंबर 430 में रामपाल सहित 14 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। इन दोनों मामलों में बृहस्पतिवार को एडीजे डीआर चालिया की तरफ से फैसला सुनाया जाना है।
रामपाल पर हुए सात केस दर्ज: रामपाल पर पुलिस ने नवंबर 2014 में सात केस दर्ज किए थे। इसमें देशद्रोह, हत्या, अवैध रूप से सिलेंडर रखने आदि काफी मामले हैं। रामपाल इनमें से दो केसों में बरी हो चुका है। इन दोनों केसों में पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी थी, जिस पर कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी। एक मुकदमे से अदालत ने रामपाल का नाम हटा दिया था।
को देखते हुए हिसार हाई अलर्ट पर है। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। रूट डाइवर्ट रहेगा। कोर्ट, जेल, लघु सचिवालय सहित शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जिनमें डीआइजी सहित कई जिलों के एसपी, डीएसपी भी शामिल हैं। पेरामिलिट्री फोर्स भी स्पेशल ड्यूटी पर लगाई गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस से पूरी जानकारी ली। शहर में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला।
बता दें कि 18 नवंबर 2014 को सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को बरवाला स्थित आश्रम से बाहर निकालने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू किया था। पहले ही दिन काफी लोग घायल हुए थे, लेकिन समर्थक नहीं हटे थे। अगले दिन रामपाल स्वयं बाहर निकला था। इस दौरान पांच महिलाओं सहित एक बच्चे की मौत हुई थी। पुलिस ने एफआइआर नंबर 429 और 430 नंबर दर्ज की थी। एफआइआर नंबर 429 में रामपाल के अलावा 15 लोग और एफआइआर नंबर 430 में रामपाल सहित 14 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। इन दोनों मामलों में बृहस्पतिवार को एडीजे डीआर चालिया की तरफ से फैसला सुनाया जाना है।
रामपाल पर हुए सात केस दर्ज: रामपाल पर पुलिस ने नवंबर 2014 में सात केस दर्ज किए थे। इसमें देशद्रोह, हत्या, अवैध रूप से सिलेंडर रखने आदि काफी मामले हैं। रामपाल इनमें से दो केसों में बरी हो चुका है। इन दोनों केसों में पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी थी, जिस पर कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी। एक मुकदमे से अदालत ने रामपाल का नाम हटा दिया था।