साभार: जागरण समाचार
रोहतक की पंडित भगवत दयाल शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी में परीक्षा नियंत्रक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली बीडीएस छात्रा ने अब पढ़ाई छोड़ने का फैसला लिया है। छात्रा के माता-पिता का कहना है कि चार साल का
कोर्स सात साल में भी पूरा नहीं हुआ। गलत डिमांड पूरी नहीं करने पर बार-बार उसकी बेटी को किसी ने किसी पेपर में फेल किया जा रहा है। पीड़ित परिवार को महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन ने न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। गुरुग्राम की रहने वाली पीड़ित छात्रा ने वर्ष 2010 में हेल्थ यूनिवर्सिटी में बीडीएस में एडमिशन लिया था। उस समय परिवार ने भी उसे पूरा सपोर्ट किया। क्योंकि तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के नाते पूरा परिवार चाहता था कि उनकी बेटी डाक्टर बने। बृहस्पतिवार को हेल्थ यूनिवर्सिटी में पहुंची राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन के सामने छात्र के पिता ने बताया कि बेटी का कोर्स वर्ष 2014 में पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन जैसे ही कोर्स पूरा होने के नजदीक आया तो उनकी बेटी से गलत डिमांड की जाने लगी। बेटी ने जब ऐसा करने से मना किया तो उसे फेल किया जाने लगा। अब स्थिति यह है कि न्याय की आस में पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन यहां पर भी उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर दिया गया। छात्र के पिता और मां ने कहा कि अब और बेइज्जती नहीं करा सकते। उसे या तो घर बैठा लेंगे या फिर किसी दूसरे कोर्स में एडमिशन दिला देंगे।
रोकर बोली छात्र, इस बार भी नहीं होने देंगे पास: महिला आयोग की अध्यक्ष के सामने छात्र बिलख-बिलख कर रोने लगी। बोली, मैडम इस बार भी री का पेपर दिया है, लेकिन जैसे पहले कई साल तक फेल किया जाता रहा, इस बार भी फेल ही करेंगे। मैं अब थक गई हूं और सहन नहीं कर सकती। इससे अच्छा है कि मैं अब पढ़ाई ही छोड़ दूं।