साभार: जागरण समाचार
आशा वर्कर्स का मानदेय बढ़ाने पर प्रदेश सरकार राजी हो गई है। साथ ही विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को भी बढ़ाया जाएगा। इस समझौते के बाद आशा वर्कर्स ने हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने
की घोषणा कर दी।
आशा वर्करों का मानदेय 1000 से बढ़ाकर 4000 रुपए किया जाएगा। 3000 रु. फिक्स मिलेंगे। बाकी 1000 रु. परफॉरमेंस के आधार पर तय होंगे। सभी भत्ते मिलाकर कुल 9000 रुपए मासिक दिए जाएंगे। फिलहाल इन्हें कुल 5700 रुपए मिलते हैं। नए फैसले से राज्य सरकार पर करीब 88 करोड़ रु. का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
वर्तमान में केरल मे आशा वर्कर को 7500, तेलंगाना में छह हजार, दिल्ली व गुजरात मे 4500 व कर्नाटक में 3500 रुपये मानदेय दिया जा रहा है, जबकि हरियाणा मे केवल एक हजार रुपये मिल रहे हैं।
साढ़े तीन साल में उनके मानदेय में एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं हुई जिससे आक्रोशित होकर प्रदेश की आशा वर्कर्स ने पहले नौ दिन तक धरना दिया और सुनवाई नहीं होने पर चार दिन की हड़ताल करते हुए गिरफ्तारियां तक दे डाली। आशा वर्कर्स के तेवर ढीले होते न देख सरकार ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए कई मांगों पर सहमति जता दी।
साढ़े तीन साल में उनके मानदेय में एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं हुई जिससे आक्रोशित होकर प्रदेश की आशा वर्कर्स ने पहले नौ दिन तक धरना दिया और सुनवाई नहीं होने पर चार दिन की हड़ताल करते हुए गिरफ्तारियां तक दे डाली। आशा वर्कर्स के तेवर ढीले होते न देख सरकार ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए कई मांगों पर सहमति जता दी।