Friday, February 2, 2018

आंदोलन लाया रंग: आशा वर्कर्स का अब चार गुना होगा मानदेय

साभार: जागरण समाचार 
आशा वर्कर्स का मानदेय बढ़ाने पर प्रदेश सरकार राजी हो गई है। साथ ही विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को भी बढ़ाया जाएगा। इस समझौते के बाद आशा वर्कर्स ने हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने
की घोषणा कर दी।  
आशा वर्करों का मानदेय 1000 से बढ़ाकर 4000 रुपए किया जाएगा। 3000 रु. फिक्स मिलेंगे। बाकी 1000 रु. परफॉरमेंस के आधार पर तय होंगे। सभी भत्ते मिलाकर कुल 9000 रुपए मासिक दिए जाएंगे। फिलहाल इन्हें कुल 5700 रुपए मिलते हैं। नए फैसले से राज्य सरकार पर करीब 88 करोड़ रु. का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और आशा वर्कर्स यूनियन की बैठक में मानदेय बढ़ाने पर सहमति बन गई। इससे करीब हजार आशा वर्कर्स को फायदा होगा। बैठक में यूनियन की ओर से प्रदेश अध्यक्ष प्रवेश कुमारी, महासचिव सुरेखा और कोषाध्यक्ष सुनीता, जबकि विभाग की तरफ से प्रधान सचिव अमित झा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक पी अमनीत कुमार, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सतीश अग्रवाल शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्री विज ने बैठक के बाद बताया कि सभी आशा वर्कर्स को सब सेंटर पर अलमारी उपलब्ध कराई जाएगी। दुर्घटना में मौत होने या गंभीर रूप से घायल होने पर मेडिक्लेम, योग्यता प्राप्त आशा वर्कर्स को नियमित भर्ती में अनुभव के अंक देने के अलावा आशा वर्कर्स को एंड्रोयड फोन की सुविधा दी जाएगी। सरकार अन्य मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। 
वर्तमान में केरल मे आशा वर्कर को 7500, तेलंगाना में छह हजार, दिल्ली व गुजरात मे 4500 व कर्नाटक में 3500 रुपये मानदेय दिया जा रहा है, जबकि हरियाणा मे केवल एक हजार रुपये मिल रहे हैं। 
साढ़े तीन साल में उनके मानदेय में एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं हुई जिससे आक्रोशित होकर प्रदेश की आशा वर्कर्स ने पहले नौ दिन तक धरना दिया और सुनवाई नहीं होने पर चार दिन की हड़ताल करते हुए गिरफ्तारियां तक दे डाली। आशा वर्कर्स के तेवर ढीले होते न देख सरकार ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए कई मांगों पर सहमति जता दी।