नोटबंदी के बाद 50 दिनों में अगर आपने दो लाख रुपए से ज्यादा कैश देकर लोन की ईएमआई चुकाई है या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान किया है, तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी पड़ेगी। नए रिटर्न फॉर्म
में इसका प्रावधान किया गया है। आयकर विभाग ने हाल ही आकलन वर्ष 2017-18 (वित्त वर्ष 2016-17) के लिए आईटीआर जारी किए हैं। नए फॉर्म में एक कॉलम जोड़ा गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नोटबंदी के बाद 9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के दौरान अगर किसी ने खाते में दो लाख रुपए से ज्यादा जमा कराए हैं तो उसकी सूचना इस कॉलम में देनी पड़ेगी। इसी कॉलम में दो लाख से ज्यादा लोन या क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट के बारे में बताना पड़ेगा। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे व्यक्ति की सालाना कमाई का कैश डिपॉजिट से मिलान हो सकेगा। क्रेडिट कार्ड और लोन अकाउंट पैन से जुड़े होते हैं।
आधार और पैन की सीडिंग के दो विकल्प: जिनके नाम की स्पेलिंग में फर्क है वे आधार की वेबसाइट पर जाकर लॉगइन करें। नाम बदलने का विकल्प चुनें। पैन की स्कैन्ड कॉपी अपलोड करें। शादी के बाद जिन्होंने सरनेम बदल लिया और आधार में बदला हुआ नाम है लेकिन पैन में पुराना नाम है। ऐसे लोगों के लिए आयकर विभाग ओटीपी ऑप्शन लाएगा। यह ओटीपी आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।
पैन और आधार कार्ड में जन्म की तारीख एक होना जरूरी: पैन को आधार से जोड़ने में जिन्हें परेशानी हो रही है, उनके लिए एक आसान विकल्प दिया गया है। वे आधार की वेबसाइट पर पैन की स्कैन्ड कॉपी अपलोड कर सकते हैं। आयकर विभाग के पोर्टल पर भी जल्दी ही इसका विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए ओटीपी की जरूरत होगी। शर्त है कि दोनों डॉक्यूमेंट में जन्म की तारीख एक हो। पैन को आधार से लिंक करना सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। लेकिन दोनों कार्ड में नाम की स्पेलिंग अलग होने पर सीडिंग नहीं होगी। उदाहरण के लिए एक कार्ड में पूरा नाम है और दूसरे में शॉर्ट फॉर्म में, तो वे लिंक नहीं होंगे। ऐसे लोग आधार की वेबसाइट पर पैन की स्कैन्ड कॉपी अपलोड कर सकते हैं।
जरूरत के मुताबिक हर साल बदलेगा आईटीआर: नोटबंदी के बाद आशंका जताई जा रही थी कि लोग कालेधन का इस्तेमाल लोन चुकाने और क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने में कर सकते हैं। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने पिछले हफ्ते बताया था कि आईटीआर में कैश डिपॉजिट का कॉलम सिर्फ इस साल के लिए है। अगले साल के आईटीआर में यह नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि जरूरत के मुताबिक हर साल आईटीआर में बदलाव किए जा सकते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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