Monday, April 24, 2017

करियर: रिटेल सेक्टर के विस्तार से बढ़ी विजुअल मर्केंडाइजर की मांग

विजुअल मर्केंडाइजिंग एक कला है, जो बिक्री बढ़ाने के लिए ग्राहक के सामने प्रोडक्ट या सर्विस को प्रभावी या रचनात्मक तरीके से पेश करती है। वर्तमान में रिटेल सेक्टर में इस कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। बिज़नेस के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें वे सभी गतिविधियां शामिल होती हैं, जो रिटेल
स्टोर में प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ाने में मददगार हो सकती हैं। उदाहरण के लिए क्रिएटिविटी- मर्केंडाइज का डिसप्ले प्रभावी और आकर्षक बनाना, मार्केटिंग - ग्राहक को उप्तादों के डिजाइन और इसके बारे में समझाना आदि। रिटेल सेक्टर के विस्तार से विजुअल मर्केंडाइजिंग की मांग भी बढ़ी है। वर्तमान में देश की रिटेल इंडस्ट्री 600 अरब डॉलर की है और 2020 तक इसके दोगुने से ज्यादा होने की संभावना है। एक्सपर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों के दौरान विजुअल मर्केंडाइजिंग में 20 से 25 फीसदी का विकास देखने को मिला है। ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। विजुअल मर्केंडाइजिंग प्रोफेशनल को विजुअल मर्केंडाइजर भी कहा जाता है। इनकी जिम्मेदारी होती है कि ये ऑनलाइन या रिटेल स्टोर के डिसप्ले के कॉन्सेप्ट और डिजाइन का खाका तैयार कर इसे लागू करें। ये स्टोर थीम, डिस्प्ले के लिए मंच तैयार करना, स्टोर की लाइटिंग और अन्य स्टोर का डिस्प्ले तैयार करने के बारे में जानकारियां देने आदि का काम भी करते हैं। हालांकि इसके कोर्स कुछ संस्थानों में ही कराए जाते हैं। 
जॉब प्रॉस्पेक्ट: शॉपिंग मॉल्स, फाइव स्टार होटल, बुटीक और रिटेल आउटलेट में विजुअल मर्केंडाइजर की मांग रहती है। विजुअल मर्केंडाइजर पार्टटाइम या फ्रीलांस काम करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसके अलावा इन प्रोफेशनल के लिए डिजाइनिंग कंपनियों, आर्किटेक्चर फर्म पार्टी ऑर्गेनाइजिंग कंपनियों में भी जॉब के अवसर मौजूद हैं। 
एलिजिबिलिटी: किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं कर चुके छात्र विजुअल मर्केंडाइजिंग के डिप्लोमा या बैचलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। फैशन डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी के बैचलर कोर्स में भी विजुअल मर्केंडाइजिंग एक अहम हिस्सा होता है, इसलिए छात्र इस कोर्स के माध्यम से भी विजुअल मर्केंडाइजिंग के क्षेत्र में कॅरिअर बना सकते हैं। बैचलर डिग्री कर चुके छात्र इसके पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा या एमबीए कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा इसका सर्टिफिकेट कोर्स भी किया जा सकता है। 
कमाई: इस क्षेत्र में कॅरिअर शुरू करने वाले प्रोफेशनल को 25 से 30 हजार रु. का मासिक पैकेज मिलने की संभावना होती है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद सैलरी पैकेज 40 से 50 हजार रु. प्रति माह हो सकता है। हालांकि संस्थान के अनुसार यह अलग हो सकता है। 
प्रमुखसंस्थान: 
  • सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे, www.sid.edu.in/
  • बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा www.bimtech.ac.in/ 
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट एंड डिजाइन, दिल्ली www.iiad.edu.in/ 
  • आईएएम, मुंबई www.iamindia.in/

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साभार: भास्कर समाचार 
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