Saturday, April 29, 2017

क्या आपको पेट्रोल पंप से मिल रहा है पूरा 'तेल' या लग रहा है 'चूना'

संसदीय समितियों ने फटकार लगाई। सरकार ने बार-बार अपने नियमों को सख्त बनाया। सुप्रीम कोर्ट तक को
हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल पंपों पर मिलावट और अन्य धांधलियों में कोई कमी नहीं आई। उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पंपों में आधुनिक मशीन का इस्तेमाल कर पेट्रोल व डीजल घटतौली की घटना बताती है कि धांधली अभी बदस्तूर जारी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बहरहाल, अब केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रलय के स्तर पर एक बार फिर नए नियम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। अगस्त, 2016 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पंपों पर नई अत्याधुनिक डिस्पेंसिंग मशीन लगाने की योजना है। मिलावट वाले पेट्रोल व डीजल के आने पर ये मशीन काम करना ही बंद कर देंगी। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान का कहना है कि कमी पर किसी को नहीं बख्शा जाएगा।
एसोसिएशन बैठक में करेगी मंथन: देश के पेट्रोल पंप डीलरों की एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल का कहना है अगले महीने इस मसले पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई है। उनका कहना है कि पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेशन करना गड़बड़ियां रोकने का पक्का उपाय नहीं है। पेट्रोलियम उत्पाद के रिफाइनरी से निकलने से लेकर ग्राहकों के वाहन में जाने तक का ऑटोमेशन होना चाहिए।
ग्राहक भी जागरूक नहीं: पेट्रोल पंपों पर होने वाली गड़बड़ी के लिए ग्राहकों में जागरूकता का अभाव भी एक वजह है। अगर आपको पेट्रोल पंप पर मिल रहे ईंधन की क्वालिटी या उसकी मात्र को लेकर कोई भी संदेह है तो तुरंत कदम उठाएं। मात्र नापने के लिए हर पेट्रोल पंप जार की व्यवस्था होती है। इसमें आप पेट्रोल व डीजल डाल कर यह पता सकते हैं कि आपको पर्याप्त इंधन दी गई है या नहीं। इसी तरह से गुणवत्ता का पता लगाने के लिए आप पेट्रोल पंप संचालक को थर्मोमीटर या हाईड्रोमीटर उपलब्ध कराने को भी कह सकते हैं।
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साभार: जागरण समाचार 
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