Wednesday, April 26, 2017

सीबीएसई के नए परीक्षा पैटर्न पर क्या कहते हैं बोर्ड के चेयरमैन

आर के चतुर्वेदी (चेयरमैन, सीबीएसई)
पहले 10वीं बोर्ड परीक्षा आधे में वैकल्पिक थी और आधे में अनिवार्य थी। 60 फीसदी बच्चे बोर्ड परीक्षा नहीं देते थे। कंटीन्यूअस एंड कॉम्प्रिहेंसिव इवेल्यूएशन(सीसीई) का सिस्टम लागू था, जिसके तहत जो बच्चे बोर्ड
एग्ज़ाम नहीं देते थे उनका आंतरिक आकलन होता रहता था। यह 10वीं में लागू था। अब सभी स्कूलों में 10वीं बोर्ड की परीक्षा एक जैसी होगी। इसी तरह छठी से आठवीं तक सभी स्कूल अलग व्यवस्था और शैली अपना रहे थे। परीक्षा, पढ़ाई, रिपोर्ट कार्ड भी स्कूलों के अपने-अपने होते थे। उसमें कोई मानकीकरण या बैंचमार्किंग नहीं होती थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जब दसवीं में बोर्ड ले आए हैं तो इसकी तैयारी के फलस्वरूप छठी से आठवीं तक सिलेबस और पढ़ाई में एकरूपता रखनी पड़ेगी, इसीलिए यह सिस्टम लागू किया है। छात्र छठी में 60 फीसदी, सातवीं में 70 फीसदी और आठवीं में 80 फीसदी कोर्स पढ़ेगा, फाइनल एक्जाम में आएगा। फिर नौवीं में वर्ष भर का सिलेबस अाएगा। नौवीं और दसवीं एक जैसी होगी। इस तरह का सिलेबस बनाया गया है। जो छात्रों की पढ़ाई के अनुकूल है। 

मैं दुनिया के पढ़ाई सिस्टम के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन, हमारे देश में पढ़ाई की गुणवत्ता का जो परम्परागत तरीका है हम उस पर चल रहे हैं। छात्रों को आगे परीक्षाएं देना है। आईआईटी, कैट, स्लैट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का सामना करना है। उसके अनुरूप नया बदलाव लागू किया गया है। बच्चों को उसी अनुसार तैयार करना पड़ेगा नहीं तो बच्चा आगे मिसफिट हो जाता है। पढ़ाई की नई व्यवस्था को हर किसी ने माना है, पसंद किया है। सबने इसे स्वीकार किया है। सब कह रहे हैं कि नए पैटर्न से बच्चे पढ़ना शुरू करेंगे। जब बच्चे पढ़ रहे हैं तो उनकी परीक्षा भी होनी चाहिए। अनुशासन भी होना चाहिए। तभी तो वह सीबीएसई स्कूल में फीस दे रहे हैं, तो वे अनुशासन, परीक्षा और पढ़ाई भी चाहते हैं। हमने इस व्यवस्था से जुड़े बहुत सारे लोगों से चर्चा की थी। जिसमें स्कूलों में प्रिंसिपल, टीचर, पैरेंट्स आदि से भी इस पर चर्चा हुई। छह-सात बार वर्कशॉप भी आयोजित हुई, जिसमें इन सबसे चर्चा हुई। उन लोगों ने जैसा कहा उसी के अनुसार नया सिस्टम तैयार किया है। कोई भी सर्कुलर हम खुद नहीं बनाते हैं। पूरी एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई गई है। कोई भी पैटर्न एकदम से नहीं बदलता है, उसके पीछे पूरी प्रोसेस होती है। एक-एक बदलाव करने में तीन से चार महीने लगे हैं। 
इसी के साथ हमने सीबीएसई के सभी 18 हजार स्कूलों के लिए एक जैसा मार्कशीट सिस्टम शुरू किया है। यह एकरूपता की दिशा में बेहतर कदम है। 12वीं में भी मार्कशीट और ग्रेड सिस्टम होता है। उसी सिस्टम को हमने यहां शुरू किया है। सीसीई अब बीती हुई बात हो गई है। अब नया असेसमेंट सिस्टम शुरू हो गया है। बोर्ड परीक्षा गई है। शिक्षण का नया सिस्टम गया है, जो बच्चों को पढ़ाई के लिए अधिक प्रेरित करेगा।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.