Saturday, April 29, 2017

वाड्रा को लाभ पहुंचाने के लिए हुड्डा सरकार और डीलरों में थी मिलीभगत - ढींगरा आयोग

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने 2008 में बिना कोई निवेश किए एक जमीन सौदे से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का ‘अवैध लाभ’ कमाया था। हरियाणा में 20 से ज्यादा संदिग्ध जमीन सौदों की जांच
करने वाले एसएन ढींगरा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। इन सौदों के बारे में कहा जाता है कि उन्हें वाड्रा या उनकी कंपनियों ने अंजाम दिया था। रिपोर्ट कहती है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार और डीलरों के बीच कथित रूप से मिलीभगत थी जिसका उद्देश्य वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटालिटी को फायदा पहुंचाना था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गुरुग्राम के चार गांवों में लैंड यूज बदलने के लिए जारी किए लाइसेंसों की जांच के लिए मई 2015 में प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस आयोग का गठन किया था। लाइसेंस हासिल करने वाली कंपनियों में स्काईलाइट भी शामिल थी। रिपोर्ट से वाकिफ लोगों के हवाले से एक समाचार पत्र ने लिखा है कि आयोग ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज व स्काईलाइट और उसके बाद स्काईलाइट और डीएलएफ के बीच हुए लेन-देन की जांच की थी। स्काईलाइट ने जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी। स्काईलाइट को जमीन हस्तांतरित किए जाने के दौरान सेल डीड में भुगतान शून्य दिखाया गया। इसके बाद उक्त जमीन का लैंड यूज बदलने के बाद उसे डीएलएफ को ऊंची कीमत पर बेच दिया गया, जिससे उन्हें करीब 50.5 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि इसी तरह अन्य संपत्तियां भी खरीदी गई होंगी, जिनकी जांच किए जाने की जरूरत है।
अखबार में प्रकाशित खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रॉबर्ट वाड्रा के वकील ने कहा, ‘उनके मुवक्किल की कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया और न ही किसी कानून का उल्लंघन किया है।’ प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा था कि उनके द्वारा खरीदी गई किसी भी संपत्ति का वित्तीय रूप से उनके पति रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटालिटी या डीएलएफ से कई संबंध नहीं है।

बता दें कि यह रिपोर्ट पिछले साल 31 अगस्त को सौंपी गई थी। भूमि सौदों से संबंधित लंबित याचिकाओं के संबंध में अदालत के कहने पर सरकार ने पिछले ही हफ्ते इसे सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को भेजा था।
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साभार: जागरण समाचार 
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