Sunday, April 23, 2017

लर्निंग मैनेजमेंट: नॉलेज से आता है कॉन्फिडेंस; प्रेक्टिस से भी आता है विश्वास

कई लोगों के स्वभाव में आत्मविश्वास होता है, जबकि कई में इसकी कमी होती है। कॉन्फिडेंस आंत्रप्रेन्योर्स की पहली जरूरत होती है। कुछ तरीके हैं जिनके जरिए आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है। इसमें सबसे अहम है
नॉलेज। जितना जानते-समझते हैं उतना ही आत्मविश्वास बढ़ता जाता है। आत्मविश्वास पाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि अपने क्षेत्र में पूरी ऊर्जा से काम करें। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके अलावा अगर किसी को पब्लिक स्पीकिंग को लेकर कॉन्फिडेंस की कमी है तो उसे अपने दोस्तों, परिचितों के सामने इसकी प्रेक्टिस करनी चाहिए। प्रेक्टिस के दो फायदे होते हैं- एक यह कि बोलने के लिए तैयार हो जाते हैं। दूसरा अपनी लिमिट के बारे में पता चल जाता है। जब यह समझ जाते हैं कि आपकी लिमिट क्या है तो उसके अनुसार तैयारी करना चाहिए। जैसे पब्लिक स्पीकिंग के मामले में ही अगर शुरू में अपने अनुभव और क्षमता के अनुसार समय तय करेंगे तो बेहतर होगा। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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