Saturday, April 29, 2017

पेट्रोल पम्पों पर 'चिप' से 'चेपी' लगाने का खेल; लखनऊ में छापा मार 14 दबोचे

लखनऊ में पेट्रोल पम्प इलेक्ट्रॉनिक चिप और रिमोट की मदद से पेट्रोल-डीजल चोरी कर रहे थे। ग्राहकों से कीमत तो पूरी वसूलते, लेकिन पेट्रोल-डीजल कम डालते। महज 3 हजार रुपए की एक चिप मशीन में लगाकर
पेट्रोल पम्प वाले रोज 40 से 50 हजार रुपए तक की ऊपरी कमाई करते थे। महीने में यह आंकड़ा 12 से 15 लाख रुपए तक बनता है। 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है। चिप सप्लाई करने वाले मास्टरमाइंड रवींद्र के अनुसार हजार से ज्यादा पंपों पर ऐसी चिप लगाई गई हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक के अनुसार इस गैंग ने यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी पेट्रोल पंपों पर ऐसी चिप लगाई हैं। एसटीएफ के एएसपी अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि चिप लगाने वाले इलेक्ट्रीशियन रवींद्र को गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा था। यह छापेमारी उसी की निशानदेही पर की गई। 
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दोषियों पर तेजी से कार्रवाई करेंगे, ताकि दूसरों को भी सबक मिले। औचक छापे बढ़ाएंगे। तीनों तेल कंपनियों को भी राज्यों के मापतौल विभाग के साथ मिलकर छापे मारने को कहा गया है। ज्यादा शिकायतों वाले इलाकों की मैपिंग भी करेंगे। धोखाधड़ी से बचने के लिए आॅटोमेशन की तरफ बढ़ रहे हैं। करीब 40% पेट्रोल पम्पों पर आॅटोमे टेड मशीन हैं। कुछ शहरों में तो 100% तक हो चुका है। समस्या होने पर पेट्रोल पम्प मैनेजर से शिकायत कर सकते हैं। संतुष्टि नहीं होने पर सीधे पेट्रोलियम मंत्रालय या मुझे ट्वीट पर शिकायत कर सकते हैं। कोई भी गड़बड़ी मिलने पर लोग शिकायत जरूर करें। 
6% कम मिलता था तेल, यानी 1 लीटर में 60 मिली का नुकसान: यह चिप रवींद्र ने ही तैयार की थी। यह पेट्रोल पम्प की डिस्पेंसिंग मशीन में लगती है। रिमोट से चलने वाली चिप की मदद से मशीन से निकलने वाला तेल 6% तक कम हो सकता है। कस्टमर कीमत तो एक लीटर तेल की देता, लेकिन उसे असल में मिलता 940 मिली पेट्रोल। यानी हर लीटर पर 60 मिली का नुकसान। पेट्रोल पम्प ग्रीन सर्किट में चिप लगाकर धांधली कर रहे थे। यह चिप भी दो तरह की हैं। एक रिमोट से कंट्रोल होती है। जबकि दूसरे तरह की चिप कोड नंबर से चलती है। धांधलीबाज ग्रीन सर्किट में चिप लगाकर खेल करते थे। कहीं एमसीबी और कुछ जगह पैनल में भी सर्किट लगाया गया था। चिप 200 मीटर दूर से भी रिमोट सिग्नल पकड़ती है। 
धांधली में 2 से 3 लोग शामिल रहते। पम्प पर एक व्यक्ति तेल डालता। दूसरा कैश बैग लेकर खड़ा रहता। बैग वाले के हाथ में पैसों के साथ ही रिमोट भी होता। कहीं-कहीं रिमोट तीसरे के हाथ में रहता। 
मौका मिलते ही रिमोट वाला कर्मचारी बटन दबा देता। इससे तुरंत पाइप से तेल गिरना बंद हो जाता। लेकिन मशीन के डिस्प्ले पर तेल और पैसे का मीटर पूरी रफ्तार से चलता रहता। 
चिप एक्टिव होते ही पेट्रोल डिलिवरी पल्स को बढ़ा देती है, जिससे मशीन के मीटर पर पेट्रोल सप्लाई और रेट तो सही बताता है, लेकिन असल में इससे कम पेट्रोल मिलता है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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