Sunday, April 30, 2017

बच्चों का कौशल निर्धारित करेगा शिक्षकों की एसीआर, नहीं चलेगी "खानापूर्ति"

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में किताबें न पहुंचने का रोना रो रहे विद्यार्थी व शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा का सत्र विधिवत रूप से 1 जुलाई से ही शुरू होगा। इससे पहले स्कूलों में विद्यार्थियों का
कौशल पढ़ाने के लिए गुणवता संवर्धन कार्यक्रम चलेगा। विद्यार्थियों का कौशल जानने के लिए पिछली कक्षा के शिक्षकों को पासबुक भर के देनी होगी। अगर विद्यार्थी की कौशल पासबुक न भरी गई तो इसके लिए स्कूल मुखिया जिम्मेदार होगा। शिक्षा विभाग निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को संबंध में निर्देश जारी किए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि जिला अधिकारियों की मूल्यांकन रिपोर्ट में सामने आया है कि विद्यार्थी कौशल पासबुक का कार्य स्कूलों में समुचित रूप से शुरू नहीं हुआ है। वितरण व मूल्यांकन में भी कमी पाई गई है। स्कूल मुखिया इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्कूल मुखिया जांच करें कि सत्र 2016-17 की कौशल पासबुक अगली कक्षा के अध्यापक को सौंपी गई है या नहीं। अगर शिक्षक ने नहीं दी है तो स्कूल मुखिया इसका जिम्मेदार होगा। 
अप्रैल-मई में नहीं होंगे मासिक टेस्ट: निर्देशालय ने स्पष्ट कर दिया है कि कक्षा 1 से 8 तक शैक्षणिक सत्र विधिवत रूप से 1 जुलाई को आरंभ होंगे। इसलिए पाठ्यक्रम की वार्षिक बांट को भी बदल दिया गया है। अप्रैल व मई के मासिक टेस्ट को भी हटा दिया गया है। इसलिए शिक्षक पाठ्यक्रम का दबाव न अनुभव करें। केवल विद्यार्थी का पिछली कक्षा का कौशल बढ़ाने का काम करें। . 

विद्यार्थी के कौशल को मजबूत करने के लिए विद्यार्थी कौशल पासबुक भरवाई जा रही है। जिसमें पिछली कक्षा के शिक्षक बताएंगे कि विद्यार्थी के पास कितना कौशल है। अगर कौशल नहीं है तो शिक्षक उसे मजबूत करेगा। इसलिए शिक्षकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। - दयानंद सिहाग,उप जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद
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साभार: जागरण समाचार 
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