Saturday, April 29, 2017

पीएफ पर मिलेगा 8.65 फीसदी ब्याज, प्रस्ताव पास

जल्दी ही कर्मचारियों के खातों में पीएफ पर 8.65 फीसद ब्याज का भुगतान कर दिया जाएगा। सरकार ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 8.65 फीसद ब्याज देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कर्मचारी भविष्य निधि
संगठन (ईपीएफओ) ने अपने फील्ड कार्यालयों को निर्देश दिया है कि सदस्यों के खाते में ब्याज का भुगतान कर दिया जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रम मंत्रलय से इस संबंध में सूचना मिलने के बाद ईपीएफओ ने यह कदम उठाया है। इस महीने के शुरू में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा था कि वित्त मंत्रलय ने पीएफ पर 8.65 फीसद ब्याज देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पिछले साल दिसंबर में ईपीएफओ के ट्रस्टी बोर्ड ने ब्याज दर को मंजूरी दी थी लेकिन वित्त मंत्रलय से अनुमति न मिलने की वजह से आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कहा जा रहा था कि वित्त मंत्रलय श्रम मंत्रलय पर ब्याज दर घटाने का दबाव बना रहा है जिससे पीएफ की ब्याज दर पीपीएफ जैसी लघु बचत योजनाओं के बराबर रखी जा सके। लेकिन दत्तात्रेय ने कहा था कि पीएफ पर 8.65 फीसद ही ब्याज दिया जाएगा। सामान्य प्रक्रिया के रूप में ट्रस्टी बोर्ड ईपीएफओ की आय का आकलन करके ब्याज दर का निर्धारण करता है। इसके बाद वित्त मंत्रलय अनुमति देने से पहले यह सुनिश्चित करता है कि प्रस्तावित ब्याज ईपीएफओ अपनी आय से दे सकेगा। वित्त मंत्री से मंजूरी मिलने के बाद ब्याज सदस्यों के खातों में जमा कर दी जाती है। 
वित्त मंत्रलय ने पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ब्याज दर घटाकर 8.7 फीसद कर दिया था जबकि ट्रस्टी बोर्ड ने 8.8 फीसद देने का किया था। इसके बाद वित्त मंत्रलय के फैसले का कड़ा विरोध हुआ तो सरकार ने ट्रस्टी बोर्ड के निर्णय को स्वीकृति दे दी। वित्त मंत्रलय लगातार श्रम मंत्रलय से कह रहा है कि वह ब्याज दरों को लघु बचत स्कीमों के बराबर लाने के लिए कमी करे। आमतौर पर सरकार ट्रस्टी बोर्ड द्वारा स्वीकृत ब्याज दर पर मुहर लगा देती है क्योंकि ईपीएफ स्वायत्त संगठन के रूप में काम करता है और वह अपनी आय से ब्याज देता है।
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साभार: जागरण समाचार 
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