Friday, April 28, 2017

चीनी मीडिया ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को लेकर चेतावनी दी

चीन के मीडिया ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को लेकर चेतावनी दी है। उसने लिखा है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली ने केवल देश के आर्थिक विकास में कई रोड़े खड़े किए हैं बल्कि समाज में भी तनाव पैदा किया है। उसने इससे चीन
को सावधान रहने की जरूरत पर जोर दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारतीय शिक्षा में अमीर-गरीब का भेद साफ दिखता है। वह केवल धन से जुड़ी नहीं है बल्कि उसमें आर्थिक और सामाजिक अधिकारों तथा पारंपरिक सामाजिक वर्गों में भी भेद दिखाई देता है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े अखबार ने लिखा है, भारत में 70 करोड़ युवा हैं। यह बहुत विशाल संपदा है। जब सस्ते श्रम के मामले में इसका जिक्र करते हैं तो इनकी गुणवत्ता उन विदेशी कंपनियों को संतुष्ट नहीं कर पाती जो मेक इन इंडिया के तहत भारत में निवेश करना चाहती हैं। अखबार ने माओ की सांस्कृतिक क्रांति का जिक्र किया है। उसने यह नहीं लिखा कि उस क्रांति के दौरान लाखों लोग मारे गए थे, लेकिन यह लिखा है कि 1949 की उस क्रांति ने सामाजिक वर्गों को समाप्त कर दिया। इसने लिखा है, 'भारत से तुलना करें तो 1949 की क्रांति को धन्यवाद देना होगा जिसने सामाजिक वर्गों में भेदभाव खत्म कर दिया। सभी के लिए शिक्षा अनिवार्य कर दी। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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