सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम लगातार खराब आ रहा है। इसकी वजह को लेकर शिक्षा विभाग से लेकर सरकार तक के स्तर पर मंथन चल रहा है। खराब परिणाम के कारणों की समीक्षा हो रही है। सुधार की दिशा में पहली बार विभाग को महसूस हुआ है कि शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए स्कूल प्रबंधन समितियों की
भूमिका कमजोर है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसलिए भविष्य में स्कूल प्रबंधन समितियों को ताकतवर बनाने के लिए विभाग एक नई दिशा में कदम रखने जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को यह बताया जाएगा कि वे स्कूलों पर निगरानी कैसे रख सकते हैं और स्कूल के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए एसएमसी की भूमिका क्या हो सकती है। इसीलिए स्कूलों में विशेष ट्रेनिंग शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें एसएमसी सदस्यों को पढ़ाया जाएगा। उन्हें सिर्फ यही सिखाया जाएगा कि वे स्कूलों पर निगरानी कैसे रख सकते हैं।
यह है ट्रेनिंग शेड्यूल: एसएमसी सदस्यों को 19 फरवरी से एक मार्च तक ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रत्येक स्कूल में दस दिन तक ट्रेनिंग चलेगी। व्यवस्था यह की गई है कि ट्रेनिंग हर स्कूल में करवाने की बजाय कलस्टर स्तर पर करवाई जाए। यानि दस स्कूलों से जुड़ी प्रबंधन समितियों की ट्रेनिंग के लिए एक स्कूल चुन लिया जाएगा। सभी सदस्य वहीं पर पहुंच जाएंगे।
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साभार: जागरण समाचार
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