हरियाणा में लगातार बढ़ रहे बीएड कॉलेजों और रिक्त रहती सीटों पर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को हायर एजुकेशन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विजय वर्धन को कड़ी फटकार लगाई। बेंच ने कहा कि बीएड कॉलेजों का निरीक्षण कर पता लगाएं कि कौन से संस्थान गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं
करते हैं। उन पर ताला लगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सुनवाई के दौरान वर्धन ने बताया कि प्रदेश में 491 बीएड कॉलेज हैं जिनमें 60,762 सीटें हैं। काउंसलिंग में केवल 32,811 सीटें ही भरी गई जबकि 27, 951 सीटें रिक्त पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन कॉलेजों पर लगाम लगाने की दिशा में काम कर रही है और उन्हें छह माह का समय दिया जाए। हाईकोर्ट के एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि विभाग ने किसी भी बीएबीएड और बीएसबीएड कोर्स चलाने वाले संस्थान को मंजूरी नहीं दी है। हाईकोर्ट ने उनकी इस दलील को स्वीकार करने से इन्कार करते हुए उन्हें अगली सुनवाई पर हाजिर रहने का आदेश दिया। वहीं, सुनवाई के दौरान मौजूद अन्य काउंसिलों ने बीएड संस्थानों को लेकर ठोस नियम बनाने की आवश्यकता बताई। बीएड कोर्स चलाने के लिए मान्यता यूनिवर्सिटी से मिलती है लेकिन इसके लिए मंजूरी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन देता है। कोर्ट को बताया गया कि मंजूरी देने के लिए निरीक्षण का प्रावधान है परंतु यह केवल कागजों में ही होता है। बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एनसीटीई के सचिव को अगली सुनवाई के दौरान हाजिर होने का आदेश दिया। बेंच ने इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों के गिरते स्तर पर भी चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि सरकार बेरोजगारों की फौज तैयार करने के स्थान पर अच्छे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक तैयार करे।
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साभार: जागरण समाचार
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