Sunday, December 13, 2015

खान अकादमी: दुनिया भर के सवा तीन करोड़ छात्रों को पढ़ा रहे ये सलमान खान

जब सभी कोर्ट से बरी हुए अभिनेता सलमान खान की बातें कर रहे हैं, उस समय एक और सलमान को उतनी सुर्खियां नहीं मिल रहीं, जितनी के वे हकदार हैं। उनका ताल्लुक फिल्मों से नहीं है, लेकिन फैन फॉलोइंग में किसी भी फिल्मी सितारे को पछाड़ सकते हैं, क्योंकि इनके ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म खान एकेडमी से दुनियाभर के 190 देशों के 3 करोड़ 35 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के
सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वो भी बिना कोई शुल्क चुकाए। प्लेटफाॅर्म पर कोई विज्ञापन नहीं है। पढ़ने वाले को किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत भी नहीं है। विश्वस्तरीय शिक्षा - कोई भी, कहीं से भी हासिल कर सकता है। 
खान एकेडमी के सलमान खान ने बीते सप्ताह उद्योगपति रतन टाटा के टाटा ट्रस्ट के साथ पांच साल का अनुबंध किया है। खान एकेडमी का हिन्दी पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। फिलहाल इसमें कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की सामग्री मौजूद है। करीब 2000 वीडियो गणित विषय के हैं। आने वाले पांच सालों में मराठी, तमिल और बांग्ला जैसी अन्य भारतीय भाषाओं में भी कंटेंट तैयार हो जाएगा। प्लेटफॉर्म पर अभ्यास पेपर, वीडियो, डेशबोर्ड एनलिटिक्स और शिक्षण टूल शामिल हैं जो छात्रों को क्लास रूम से बाहर भी पढ़ने-सीखने की सुविधा देता है। भारत में काम शुरू करना है यह तो बीते सितंबर में ही तय हो गया था, जब सलमान ने सिलिकॉन वैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। 2004 में अपनी 12 साल की बहन नादिया को गणित के कुछ सवाल हल करने में मदद करने से शुरू हुआ प्रयास कितना सफल रहा और फैल चुका है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज 440 करोड़ सवालों का जवाब उनकी वेबसाइट पर मौजूद है। दुनियाभर में 36 भाषाओं में इसके कंटेंट का अनुवाद किया जा रहा है। और इस पर 13 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड टीचर हैं। 
छठी कक्षा की नादिया को गणित पढ़ाने के लिए उन्होंने पहला वीडियो बनाया था। उसे गणित समझ नहीं रहा था, लेकिन वह उनसे हजारों मील दूर थी। खान ने इस दूरी को तकनीक से पाटा। फोन पर सवालों को हल करना सिखाया। नादिया को इससे फायदा हुआ तो 10-15 और परिचितों और रिश्तेदारों को भी इसी तरह पढ़ाया। लेकिन जब मदद चाहने वालों की संख्या बढ़ती गई तो सलमान ने यू-ट्यूब वीडियो की मदद से पढ़ाना शुरू किया। वे समझ गए थे कि यू-ट्यूब सिर्फ बिल्लियों के प्यानो बजाने के वीडियो पोस्ट करने के लिए नहीं है। इस पर गंभीर काम किया जा सकता है। और इस तरह खान एकेडमी शुरू हुई। 
बांग्लादेशी पिता और भारतीय मां की संतान सलमान गणित, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर साइंस से ग्रेजुएट हैं। उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया जो उन्हें हैज फंड में ले आया। वे सीनियर एनलिस्ट के बतौर काम करते थे। फर्म ने कुछ जूनियर एनलिस्ट नियुक्त किए थे। वे टॉप आईवी लीग स्कूल्स से थे, लेकिन किसी भी तरह से वित्तीय स्टेटमेंट पढ़ना सीख नहीं पा रहे थे। तब सलमान ने उनके लिए एक वीडियो लेक्चर तैयार किया था। एक दिन इसे उनके बॉस ने नोटिस किया तो खान को लगा उनसे कुछ गलती हो गई है, इसलिए उन्होंने माफी मांगी। लेकिन बॉस ने कहा नहीं यह तो शानदार चीज है। न्यू ऑरलेंस में जन्मे 39 साल के सलमान खुद गरीबी में फ्री स्कूल लंच के सहारे पले-बढ़े। आज उनकी खान एकेडमी को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, गूगल, ब्रॉड फाउंडेशन, स्कोल फाउंडेशन और सुलिवान फांउडेशन से सहित कई संस्थाओं से फंड मिलता है। नासा, म्यूजियम ऑफ मॉर्डन आर्ट, कैलिफोर्निया एकडमी ऑफ साइंस और एमआईटी उन्हें कन्टेन्ट मुहैया कराते हैं। 

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साभारभास्कर समाचार 
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