सेनाभर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। नौकरी के लिए 19 युवा जाट हिंदू से कागजों में जट सिख बन गए। गांव, जाति और धर्म बदल लिया, लेकिन ट्रेनिंग पर जाने से पहले ही इनकी पोल खुल गई। जांच में कई अभ्यर्थियों के निवास और धर्म-जाति के सर्टिफिकेट गलत मिले तो किसी के शिक्षा खेल संबंधी प्रमाणपत्र
फर्जी पाए गए। सेना ने ऐसे कुल 47 अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके पीछे किसी बड़े रैकेट का हाथ हो सकता है। पटवारी से लेकर तहसीलदार तक इन कागजों पर साइन करते गए। किसी ने नहीं जांचा कि कागज सही हैं या गलत। सेना ने कार्रवाई की तो जिला प्रशासन हरकत में आया। जुलाई में सेना की सिख रेजिमेंट में भर्ती के लिए हिसार में रैली थी। भर्ती सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, जींद के युवाओं के लिए भी थी। फर्जीवाड़े के मामले सबसे ज्यादा जींद और फतेहाबाद जिले के हैं। भास्कर इस फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचा। जींद के 10 गांवों में पड़ताल की। सरपंचों, नंबरदारों और पटवारियों से पूछा- कैसे बने फर्जी प्रणाम पत्र।
10 गांवों की पड़ताल: जींद के नरवाना उपमंडल के अलग-अलग गांवाें के 19 युवकों ने गांव, जाति और धर्म बदलने संबंधी फर्जी कागजात तैयार कराए। धर्म बदलने वाले चार युवाओं ने तो गांव भी बदल लिए। नेहरा गांव चुना, जहां जट सिख रहते हैं। ताकि किसी को शक हो। पहले गांव के सरपंच नंबरदार को विश्वास में लिया फिर फर्जी आधार कार्ड तैयार किया। फार्म पर सरपंच नंबरदार की तस्दीक करा फर्जी आधार दिखाकर पटवारी की रिपोर्ट करा ली। तहसील से जाति रिहायशी प्रमाण पत्र बनवा लिया। जिन युवकों के गांव सही हैं, उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के लिए सरपंच नंबरदार के फर्जी मुहर और साइन बना लिए। बताते हैं कि फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने में हर युवक ने 2 से 4 लाख रुपए तक खर्च किए गए। कई युवकों के शैक्षिक खेल प्रमाण-पत्र भी जाली पाए गए।
गांव में नहीं मिला एक भी जट सिख परिवार, सरपंच ने की पुिष्ट: ढाकलगांव के निवर्तमान सरपंच रामबीर ने कहा कि गांव के जिन चार युवकों ने जट सिख होने के प्रमाण पत्र बनवाए हैं, उनकी मैंने तस्दीक नहीं की। वे फार्म पर घरवालों से मुहर लगवा ले गए और फर्जी साइन कर लिए। धमतान साहिब के सरपंच रंगीराम ने बताया कि गांव में जट सिख परिवार है ही नहीं। जब पटवारी-कानूनगो आए तब मुझे पता चला कि गांव के युवक ने जट सिख होने का प्रमाण पत्र बनवाया है। इसी तरह बेलरखां गांव के निवर्तमान सरपंच राजेश का भी कहना है कि गांव में कोई जट सिख नहीं है। इन्हें भी बाद में पता चला कि गांव के तीन युवकों ने जट सिख का जाली प्रमाण पत्र बनवाया है।
पंजाब के गुरुद्वारों से धर्म संबंधी प्रमाण पत्र बनाया: नरवालाउपमंडल की तहसील में जट सिख होने का प्रमाण दिखाने के लिए पंजाब के भठिंडा और संगरूर जैसे शहरों के गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लेटरपैड पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिए। इसमें 'सिख धर्म मेंं आस्था रखने की बात लिखवाई गई।' नेहरा गांव का फर्जी निवास प्रमाण बनवाया गया। ऐसा डोमिसाइल लगाने वालों में जींद के अमरगढ़ गांव का नवीन पुत्र कृष्ण, खरड़वाल गांव का संदीप पुत्र सतपाल मनीम पुत्र महावीर तथा कलौदा गांव का दरवेश पुत्र दिलबाग शामिल हैं।
पटवारी और तहसीलदार सब साइन करते गए: कागजोंपर पटवारी और तहसीलदार आंख मूंदकर हस्ताक्षर करते गए। किसी ने देखा तक नहीं। अब सेना की कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा है। तहसीलदार ने जींद के सभी 19 परीक्षार्थियों को नोटिस जारी कर अपना धर्म साबित करने के लिए कहा है, लेकिन अभी तक कोई पेश हुआ और ही प्रशासन की कार्रवाई आगे बढ़ी। ऐसे में किसी बड़े रैकेट की आशंका है। नेहरा गांव के पटवारी बलबीर सिंह ने कहा, 'सरपंच-नंबरदार से पता चला है कि चारों युवक खरड़वाल, कलौदा अमरगढ़ के हैं। प्रमाण पत्र सरपंच नंबरदार की तस्दीक पर बनाए गए। मुझसे रिपोर्ट कराने आए तो उन्होंने आधारकार्ड दिखाए थे। वो आधार फर्जी थे। सरपंच नंबरदार की तस्दीक और आईडी साथ होने पर पटवारी को रिपोर्ट करनी पड़ती है।'
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साभार: भास्कर समाचार
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