Monday, June 2, 2014

जल्द मिलेंगे चयनित पीजीटी को नियुक्ति पत्र

पीजीटी भर्ती में चार विश्वविद्यालयों से डिग्री के फेर में नियुक्ति से वंचित रहे शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है कि विभाग ने इस मामले में नियुक्तियों को हरी झंडी दे दी है। राज्य की शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने अपने निवास पर एक सवाल के जवाब में इसकी पुष्टि की। उन्होंने यह भी साफ किया है कि अनुभव के आधार पर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों के भी 393 केस क्लीयर हो चुके हैं और अगले कुछ दिनाें में उन्हें भी नियुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि एलएलओ का परिणाम दो जून को आ जाएगा और दाखिला की प्रक्रिया जारी कर दी जाएगी। आप यह पोस्ट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट नरेशजांगड़ा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।  बीएड मामले में भी शिक्षामंत्री ने कहा है कि उनके बारे में भी सरकार विचार-विमर्श कर रही है। इस संबंध में रविवार को शिक्षामंत्री के निवास पर एक प्रतिनिधिमंडल मिला था। उन्हें भी शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि जिनके सर्टिफिकेट में कोई दिक्कत नहीं है उनकी नियुक्ति होगी। विभाग की 2015 तक बीएड की शर्त के मामले में शिक्षामंत्री ने कहा कि इस मामले में सरकार सकारात्मक कदम उठाएगी। चूंकि भर्ती प्रक्रिया में समय ज्यादा लगा है, इसलिए ऐसे उम्मीदवारों को समय दिया जाएगा जिन्हें बीएड करने की शर्त पूरी करनी है। इस दौरान शिक्षामंत्री ने लोगों की समस्याएं भी सुनीं।गौरतलब है कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूल में दाखिला दिलाने की मांग को लेकर रविवार को दो जमा पांच मुद्दे जनसंगठन ने शिक्षा के निवास के बाहर धरना दिया। चार घंटे तक चले प्रदर्शन में लोगों ने खूब नारेबाजी की। इसके संगठन के लोगों ने पहले डीईओ तथा बाद में शिक्षा मंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर ज्ञापन लेने गए नायब तहसीलदार गुलाब सिंह को मांगों से अवगत कराया। बाद में शिक्षामंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि 134ए के तहत आवेदन करने वाले बच्चों को एडमीशन मिले, इसके लिए प्रयास जारी है।
निजी स्कूलों में पहले 25 प्रतिशत और बाद में 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए किया गया। विभाग ने ऐसे अभिभावकों से आवेदन मांगे थे। आवेदन के बाद पहली और दूसरी कक्षा का ड्रा निक ाला गया। जबकि तीसरी से दस तक का एलएलओ आयोजित किया गया। मगर उसका परिणाम भी अभी घोषित नहीं हुआ है। इसके लिए दो जमा पांच मुद्दे जनसंगठन के जरिए सत्यवीर हुड्डा लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। धरने पर बैठे प्रतिनिधियों से पहले जिला शिक्षा अधिकारी साधुराम रोहिला ने बात की। इनका कहना था कि शिक्षामंत्री आकर उन्हें बताएं कि आखिर निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का एडमीशन कब होगा। बाद में इन प्रतिनिधियों का ज्ञापन लेने के लिए नायब तहसीलदार गुलाब सिंह पहुंचे। ज्ञापन में सत्यवीर हुड्डा ने संगठन की ओर से दाखिले से वंचित रहे बच्चों को दाखिला दिलाने, निजी स्कूलों में पढ़ रहे 27 लाख बच्चों के हिसाब से ढाई लाख सीटों पर निजी स्कूलों में तथा 20 प्रतिशत हूडा की जमीन पर बने स्कूलों में एडमीशन दिलान की मांग की। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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