Tuesday, June 24, 2014

घर का वैद्य: जीरा

जीरा एक ऐसा मसाला है, जिसका उपयोग लगभग हर सब्जी में किया जाता है। इसके छौंक से दाल और सब्जियों का स्वाद बहुत बढ़ जाता है। चाट का चटपटा स्वाद भी जीरे के बिना अधूरा लगता है। अंग्रेजी में इसे क्यूमिन (CUMIN) कहा जाता है। इसका वानस्पतिक नाम क्यूमिनम सायमिनम है। यह पियेशी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है। मुख्यत: पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक इसकी पैदावार होती है। सौंफ  के आकार का दिखाई देने वाला जीरा सिर्फ  खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि इसमें कई औधषिय गुण भी हैं। यही कारण है कि कई रोगों में दवा के रूप में भी
जीरे का उपयोग किया जा सकता है। आज हम आपको जीरे के खास उपायों के बारे में बता रहे हैं:
  • जीरा आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर हो जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए जीरा अमृत का काम करता है।
  • जीरा, अजवाइन, सौंठ, कालीमिर्च, और काला नमक बराबर मात्रा में लेकर इसमें घी में भूनी हींग कम मात्रा में मिलाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
  • जीरा, अजवाइन और काला नमक का चूर्ण बनाकर रोजाना एक चम्मच खाने से तेज भूख लगती है।
  • 3 ग्राम जीरा और 125 मि.ग्रा. फिटकरी पोटली में बांधकर गुलाब जल में भिगो दें। आंख में दर्द होने पर या लाल होने पर इस रस को टपकाने से आराम मिलता है।
  • दही में भूने जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से डायरिया में आराम मिलता है।
  • जीरे को नींबू के रस में भिगोकर नमक मिलाकर खाने से जी मिचलाना बंद हो जाता है।
  • जीरे में थोड़ा सा सिरका डालकर खाने से हिचकी बंद हो जाती है।
  • जीरे को गुड़ में मिलाकर गोलियां बनाकर खाने से मलेरिया में लाभ होता है।
  • एक चुटकी कच्चा जीरा खाने से एसिडिटी में तुरंत राहत मिलती है।
  • डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए एक छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ लेने से लाभ होता है।
  • कब्ज की समस्या हो तो जीरा, काली मिर्च, सौंठ और करी पाउडर को बराबर मात्रा में लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में मिलाएं और चावल के साथ खाएं।
  • पके हुए केले को मैश करके उसमें थोड़ा सा जीरा मिलाकर रोजाना रात के खाने के बाद लें। अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी।
  • जीरे में एंटीसेप्टिक तत्व भी पाया जाता है। सीने में जमे हुए कफ को बाहर निकालने के लिए जीरे को पीसकर फांक लें। यह सर्दी-जुकाम से भी राहत दिलाता है। 
  • हींग को उबाल लें। इस पानी में जीरा, पुदीना, नींबू और नमक मिलाकर पिलाने से हिस्टीरिया के रोगी को तत्काल लाभ होता है।
  • थायराइड (गले की गांठ) में एक कप पालक के रस के साथ एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरा पाउडर मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
  • मेथी, अजवाइन, जीरा और सौंफ  50-50 ग्राम और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर पीस लें। एक चम्मच रोज सुबह सेवन करें। इससे शुगर, जोड़ों के दर्द और पेट के विकारों से आराम मिलेगा।
  • प्रसूति के पश्चात जीरे के सेवन से गर्भाशय की सफाई हो जाती है।
  • खुजली की समस्या हो तो जीरे को पानी में उबालकर स्नान करें। राहत मिलेगी।
  • एक गिलास ताजी छाछ में सेंधा नमक और भूना हुआ जीरा मिलाकर भोजन के साथ लें। इससे अजीर्ण और अपच से छुटकारा मिलेगा।
  • आंवले की गुठली निकालकर पीसकर भून लें। फिर उसमें स्वादानुसार जीरा, अजवाइन, सेंधा नमक और थोड़ी सी भुनी हुई हींग मिलाकर गोलियां बना लें। इन्हें खाने से भूख बढ़ती है। इतना ही नहीं, इससे डकार, चक्कर और दस्त में लाभ होता है।
  • जीरा उबाल लें और छानकर ठंडा करें। इस पानी से मुंह धोने से आपका चेहरा साफ  और चमकदार होगा।
  • एक चम्मच जीरा भूनकर रोजाना चबाने से याददाश्त अच्छी रहती है।
  • जिनको अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या अन्य सांस संबंधी समस्या है, उन्हें जीरे का नियमित प्रयोग किसी भी रूप में करना चाहिए।
  • दक्षिण भारत में लोग अक्सर जीरे का पानी पीते हैं। उनके अनुसार, इसके सेवन से मौसमी बीमारियां नहीं होतीं और पेट भी तंदुरूस्त रहता है।
  • 50 ग्राम जीरे में 50 ग्राम मिश्री मिलाकर पीसकर पाउडर बना लें। इसे सुबह-शाम एक चम्मच सेवन करें। बवासीर में आराम मिलेगा।

साभार: डीबी समाचार
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