Saturday, June 21, 2014

लंबे समय तक जवान बने रहने के लिए अपनाएं ये देसी नुस्खे

साभार: दैनिक भास्कर समाचार
आज के समय में अनियमित दिनचर्या के चलते अधिकांश युवा बहुत ही जल्द बुढ़ापे में होने वाले रोगों से पीड़ित हो जाते हैं। असमय बाल सफेद होना, कमजोरी बने रहना, जल्दी थक जाना, जोड़ों में दर्द होना, नजर कमजोर हो जाना आदि ये सभी बुढ़ापे में होने वाली परेशानियां हैं। इन परेशानियों से बचने के लिए आयुर्वेद में कई देसी नुस्खे बताए गए हैं, इन नुस्खों को नियमित रूप से अपनाते रहने पर लंबे समय तक बुढ़ापे के रोगों से बचे रह सकते हैं। जानिए कुछ खास नुस्खे जो लंबे समय तक युवावस्था बनाए रखते हैं:

आंवला: हर रोज आंवले का रस, गाय का घी, शहद व मिश्री, इन चारों को 15-15 ग्राम की मात्रा में मिला लें। सुबह-सुबह खाली पेट इस मिश्रण का सेवन करें। इसके बाद 2 घंटे तक कुछ नहीं खाए। नियमित रूप से इसे लेते रहने से कई प्रकार के रोग दूर होते हैं। ये मिश्रण बुढ़ापा दूर रखने के लिए काफी कारगर उपाय है।
अनार: प्रतिदिन अनार का सेवन करने से भी बुढ़ापे के रोग दूर रहते हैं। जवानी बनी रहती है। अनार के सेवन से रक्त संबंधी कई विकार दूर होते हैं। यह रक्त की कमी दूर करने में भी मदद करता है।
संतुलित भोजन: प्रतिदिन संतुलित आहार ग्रहण करना चाहिए। ऐसा भोजन करें जो आसानी से पच सके और शरीर के पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव न डालता हो। भोजन में विटामिन, प्रोटीन, खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। गरिष्ठ भोजन, तेल, घी, शर्करायुक्त चीजें खाने से बचें।
तनाव से बचें: तनाव से दूर रहें। जो लोग अधिक सोचते हैं और मानसिक तनाव महसूस करते हैं, उन्हें बुढ़ापे के कई रोग युवावस्था में ही सताने लगते हैं। यदि मानसिक तनाव अधिक रहता हो तो अच्छे दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें। मधुर संगीत सुनें। अच्छी किताबें पढ़ें। इससे मानसिक तनाव दूर होता है। तनाव दूर होगा तो कई प्रकार के रोगों से दूरी बनी रहेगी।
सोने का टाइम टेबल: प्रतिदिन नींद का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नींद की कमी कई रोगों को जन्म देती है। अत: प्रतिदिन कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। सुबह जल्दी उठना चाहिए और रात को सही समय पर सो जाना चाहिए। दिन के समय में या शाम के समय में सोने से बचना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बीमारी की अवस्था में है या वृद्ध है तो वह दिन के समय में सो सकता है। युवा और स्वस्थ लोगों को दिन में नहीं चाहिए। असमय सोने से भी कई प्रकार की बीमारियां पनप सकती हैं।
व्यायाम एवं योग: प्रतिदिन सुबह व्यायाम करें। योग से बुढ़ापा दूर रहता है। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है। सुबह-सुबह टहलना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
गर्भासन: किसी साफ एवं स्वच्छ स्थान पर कंबल बिछाकर पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। इसके बाद
अपने हाथों को जांघ व पिंडलियों के बीच से फंसा कर कोहनियों तक बाहर निकाल लें। अब दोनों कोहनियों को मोड़ते हुए दोनों घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद शरीर को संतुलित करते हुए दोनों हाथों से अपने कान को पकड़ें। आसन के इस स्थिति में आने पर शरीर का पूरा भार नितंब (हिप्स) पर रहता है। इस स्थिति में 1 से 5 मिनट तक रहें और पुन: धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस आसन को करने में कुछ कठिनाइयां हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास के साथ ही यह आसान हो जाता है। इस संबंध में किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक या चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
गर्भासन के लाभ: इस आसन से रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली होती है। यह आसन शरीर की नसों और मांसपेशियों के दोषों को दूर करता है। शरीर को हल्का करता है तथा रक्त संचार को सही करता है। भूख को बढ़ाता है तथा स्नायु की दुर्बलता को दूर करता है। गर्भासन स्त्रियों के लिए भी लाभकारी है। इससे गर्भाशय के कई रोग ठीक हो सकते हैं। कम उम्र की लड़कियां अगर इस आसन को नियमित रूप से करेंगी तो उन्हें गर्भाशय से संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं। इससे मुख की सुन्दरता बढ़ती है। इस आसन के नियमित अभ्यास से स्त्री-पुरुष दोनों अधिक समय जवान रह सकते हैं।


साभार: दैनिक भास्कर समाचार
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