सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद सुलझाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी हरियाणा और पंजाब को अब बातचीत की टेबल पर लाएंगे। उन्होंने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 20 अप्रैल
को दिल्ली बुलाया है। सोमवार को हुए इस निर्णय का हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वागत किया है। एसवाईएल का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस पर 12 अप्रैल को सुनवाई होनी थी, लेकिन केंद्र ने कोर्ट से कहा है कि पीएम ने विवाद के हल के लिए 20 अप्रैल को दोनों राज्यों की बैठक बुलाई है, इसलिए सुनवाई टालनी जरूरी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अदालत ने नोटिस लेते हुए अपील नए सिरे से पेश करने को कहा है। केंद्र सरकार की ओर से अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी पेश हुए। उधर, हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट प्रदेश के पक्ष में फैसला दे चुका है। पीएम के सामने भी मजबूती से पक्ष रखा जाएगा।
राष्ट्रपति-गृहमंत्री से मिला था सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल: एसवाईएलनहर पर प्रदेश के सीएम और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर चुका है। हरियाणा इस विषय पर प्रधानमंत्री से समय मांग चुका है। इसी को देखते हुए पीएम ने दोनों राज्यों को एक साथ चर्चा के लिए बुलाया है।
पंजाब के हितों की रक्षा के लिए केंद्र इस मामले में हस्तक्षेप करे। एसवाईएल बनाने की इजाजत दी गई तो पंजाब अति आवश्यक पानी से वंचित हो जाएगा। हमारी सरकार हर कीमत पर पंजाब के पानी की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध है। -कैप्टनअमरिंदर सिंह, सीएम, पंजाब
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साभार: भास्कर समाचार
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