Sunday, February 14, 2016

हरियाणा सरकार राज्य को सूखाग्रस्त घोषित नहीं करेगी

हरियाणा सरकार ने राज्य के किसी भी जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने से साफ इनकार कर दिया है। योगेंद्र यादव के नेतृत्व वाले स्वराज अभियान की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के जवाब में हरियाणा सरकार द्वारा पेश हलफनामे में दावा किया गया है कि राज्य का कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां कम बरसात
हुई और उसे सूखाग्रस्त जिला घोषित किया जा सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। स्वराज अभियान ने योगेंद्र यादव के नेतृत्व में अक्टूबर 2015 में देश भर के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में करीब 4500 किलोमीटर लंबी यात्र की थी, जो हरियाणा के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व भिवानी जिलों में भी पहुंची। उसके बाद बुंदेलखंड (ऊत्तर प्रदेश) में सूखे की हालत पर एक सर्वे किया गया, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सूखा प्रभावित जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने व गंभीर हालात से निपटने के लिए उचित व्यवस्था करने की गुजारिश की गई थी। याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों से जानकारी जुटाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के जरिए सूचना दी है कि राज्य में यदि जून से सितंबर व दिसंबर से मार्च के बीच औसत 75 प्रतिशत से कम वर्षा होती है तो सूखा घोषित किया जा सकता है। हरियाणा में औसत से सिर्फ 16.4 प्रतिशत ही कम वर्षा हुई है। सरकार ने दलील दी है कि हरियाणा में सिंचाई का विस्तृत क्षेत्र होने के चलते यहां सूखा घोषित किए जाने की जरूरत नहीं है। स्वराज अभियान के सचिव राजीव गोदारा ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि राज्य के कम से कम छह जिलों महेंद्रगढ़, पंचकुला, भिवानी, हिसार, रोहतत व फतेहाबाद को सूखाग्रत क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए, जहां 2015 में 60 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई है। सूखा प्रभावित जिलों में मनरेगा के तहत रोजगार के दिन बढाए जाएं व खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार विशेष प्रबंध किए जाएं। गोदारा के अनुसार स्वराज अभियान ने हरियाणा कृषि विश्वविधालय के मौसम विभाग के आंकड़े लिए हैं। कृषि की स्थिति को जांचने के लिए हरियाणा सरकार के आर्थिक व सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों को शामिल किया गया है। जून 2015 से सितंबर 2015 तक हरियाणा में सिर्फ 62 प्रतिशत वर्षा हुई जो कि सूखा घोषित करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा बताए गए पैमाने 75 प्रतिशत से काफी कम है। इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने जिलावार आंकड़ों को छुपाया है, जो कि सूखा घोषित करने के लिए अति महत्वपूर्ण है। हरियाणा में कम से कम छह जिले ऐसे हैं, जिनमें 60 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। 
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साभारजागरण समाचार 
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