Wednesday, May 15, 2019

906 प्राइमरी स्कूल होंगे बंद, 358 में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होगी

साभार: जागरण समाचार  
हरियाणा में कम छात्र संख्या वाले 906 प्राइमरी स्कूलों को मौजूदा सत्र में ही बंद किया जाएगा। वहीं 358 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई बंद की जाएगी। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को सीएमओ (मुख्यमंत्री
कार्यालय) से मंजूरी मिल चुकी है। सरप्लस स्टाफ को दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जाएगा जिसके लिए 1 जून से ट्रांसफर ड्राइव शुरू होगी।
उच्च स्तरीय बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। जिन 358 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विज्ञान संकाय बंद करने की सिफारिश की गई है, उनमें बच्चों की कम संख्या को आधार बनाया गया है। इन स्कूलों में विज्ञान संकाय के मौजूदा छात्रों को या तो संकाय बदलना होगा अन्यथा दूसरे स्कूलों में दाखिला लेना होगा।
वहीं, शिक्षा निदेशालय ने 1 जून से शिक्षकों की ट्रांसफर ड्राइव शुरू करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एमआइएस पोर्टल पर छात्रों की संख्या और स्टाफ का डाटा अपडेट करने का निर्देश दिया है। तबादला प्रक्रिया में शिक्षकों के सात और मिनिस्ट्रीयल स्टाफ के तीन कैडर शामिल होंगे। इनमें प्रिंसिपल, पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर), हाई स्कूल और मिडल स्कूल के हेडमास्टर, टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर), सीएंडवी (भाषा अध्यापक), लैब सहायक, क्लर्क और असिस्टेंट शामिल हैं।
सड़कों पर उतरेगा सर्व कर्मचारी संघ: सर्व कर्मचारी संघ ने स्कूलों को बंद करने के खिलाफ सड़कों पर उतरने का एलान किया है। संघ के प्रधान धर्मबीर सिंह फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकारी स्कूलों को बंद करना विकास नहीं, विनाश का मॉडल है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करने की बजाय स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाकर बच्चों की संख्या बढ़ाई जाए।
208 प्राथमिक स्कूलों पर लगे ताले: पिछले साढ़े चार वषों में पूरे प्रदेश में 208 सरकारी प्राथमिक स्कूल बंद किए गए हैं, जबकि इस अवधि के दौरान केवल 19 सरकारी पाठशालाएं और चार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ही नए खुले। इसके अलावा 378 सरकारी स्कूलों का दर्जा बढ़ाया गया। इसके विपरीत इन वषों में 974 नए मान्यता प्राप्त निजी स्कूल खुले हैं।
जिन प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की सिफारिश की गई है, उनमें लंबे समय से बच्चों की संख्या निर्धारित मानकों से कम है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अंतिम निर्णय लेने से पहले पिछले साल 30 सितंबर या फिर इस साल 15 मई तक विज्ञान संकाय में छात्रों के एनरोलमेंट के आधार पर समीक्षा करने का निर्देश दिया है। अगर संकाय या स्कूल बंद होता है तो छात्रों को पास के दूसरे स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा। डॉ. राकेश गुप्ता, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग।
क्या कहता है नियम: नियमानुसार सरकारी प्राथमिक स्कूल को चलाने के लिए न्यूनतम 20 बच्चे जरूरी हैं। हालांकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अगर एक किलोमीटर के दायरे में कोई दूसरा प्राथमिक स्कूल नहीं है तो इससे कम बच्चों पर भी स्कूल को बंद नहीं किया जा सकता। इसी तरह सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में अगर लगातार तीन साल तक किसी संकाय में 15 से कम छात्र होते हैं तो संबंधित विषय की पढ़ाई बंद की जा सकती है।