साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में इस साल भी बिजली के रेट नहीं बढ़ेंगे। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचइआरसी) ने उत्तर एवं दक्षिण हरियाणा की बिजली कंपनियों के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी के
प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले विधानसभा सत्र में घोषणा की थी, राज्य में बिजली के रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे। विद्युत विनियामक आयोग ने सीएम की घोषणा पर आगे बढ़ते हुए बिजली के रेट नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। आयोग ने 20 लाख रुपये से अधिक आय वाले किसानों से स्वैच्छिक तौर पर कृषि क्षेत्र में मिल रही बिजली रेट की सब्सिडी को छोड़ने का आग्रह किया है।
हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग ने राज्य में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताते हुए कहा है कि जो उपभोक्ता अपने घर की छतों पर सौर ऊर्जा सिस्टम लगवाएंगे, उन्हें एक रुपये प्रति यूनिट की दर से सस्ती बिजली मिलेगी। आयोग के चेयरमैन जगजीत सिंह और सदस्य परविंदर सिंह चौहान ने बिजली निगमों की वार्षिक राजस्व प्राप्ति (एआरआर) के लिए दायर याचिका पर निर्णय सुनाते हुए कहा है कि 31 मार्च 2019 तक लंबित सभी बिजली कनैक्शन तुरंत जारी किए जाएं, ताकि उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न रहे। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के यह आदेश एक मई से लागू होंगे। आयोग द्वारा बिजली के रेट नहीं बढ़ाने के निर्णय से करीब 65 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली है। कृषि के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली बिजली पर सब्सिडी को कम करने के लिए आयोग ने किसानों से सहयोग मांगा है। आयोग ने कहा है कि यदि किसी किसान की अन्य स्नोत से 20 लाख रुपये सालाना से अधिक आय है तो उसको स्वैच्छिक तौर पर कृषि सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए।
आयोग के चेयरमैन ने कहा है कि बिजली कंपनियां 31 मार्च से पहले के सभी लंबित बिजली कनेक्शन एक माह के अंदर जारी करें। इस मामले में यदि कोई कोताही बरती गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ पेनल्टी लगाई जा सकती है। हरियाणा में सभी प्रकार के 65 लाख दो हजार 46 बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें 50 लाख 82 हजार 782 घरेलू उपभोक्ता हैं। गैर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 6 लाख 46 हजार 977 हैं, जबकि कृषि के उपभोक्ता 6 लाख 38 हजार 28 हैं तथा इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं की संख्या 10 लाख सात हजार 970 है।