साभार: जागरण समाचार
लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद सोमवार को पीएम मोदी का उनके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में भव्य स्वागत हुआ। जीत और स्वागत से विभोर मोदी ने कहा कि इस विजय के बाद सियासी पंडितों को मानना
होगा कि अंकगणित के आगे भी एक केमिस्ट्री होती है। आदर्शो और संकल्पों की यह केमिस्ट्री पूरे अंकगणित को पराजित कर देती है। इस बार यही हुआ है। इतना ही नहीं, कार्य और कार्यकर्ता ने मिलकर इस बार करिश्मा किया है। हमारे देश के लोकतंत्र को वोट बैंक की राजनीति ने कुचल दिया है। भाजपा ने इस चलन को बदला है। वह जनता का आभार व्यक्त करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे।
बाबा दरबार में दर्शन-पूजन के बाद पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल में भाजपा की तरफ से आयोजित कार्यकर्ता अभिनंदन समारोह में मोदी ने कहा कि मैं काशी की धरती से पूरे यूपी का अभिनंदन करता हूं। यूपी आज पूरे देश का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। 2014, 2017, 2019 की चुनावी विजय की हैटिक लगी। ये कोई मामूली चीज नहीं है। भारत की राजनीति का विराट रूप यूपी ने दिखाया है। इसके बाद भी ‘पॉलिटिकल पंडितों’ की आंखें नहीं खुल रही हैं तो समझना चाहिए कि उनके विचार, उनके तर्क 21वीं सदी के लिए नहीं रह गए हैं।
हमारे लोगों को मारा जा रहा है: मोदी ने कहा कि हम दो संकट से गुजर रहे हैं। एक राजनीतिक ¨हसा और दूसरा राजनीतिक छुआछूत। केरल, कश्मीर, बंगाल में हमारे लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। छुआछूत की प्रथा को खत्म करने के लिए महात्मा गांधी, आंबेडकर ने प्रयास किया लेकिन अब राजनीति छुआछूत शुरू हो गई है। कुछ लोग भाजपा को हेय दृष्टि से देख रहे। हमारे लोगों को मारा जा रहा है। बस, अब बहुत हो चुका। मेरा यही संदेश है कि नए सिरे से सोचना शुरू करो, कमियां हममें भी होंगी लेकिन हमारे इरादे नेक हैं।
विरोधियों पर साधा निशाना: मोदी ने बिना नाम लिए विरोधियों पर निशाना साधा। कहा, वो सोचते हैं किसी भी हालत में हमारी छवि अच्छी न बने। कुतर्क करके छवि को बिगाड़ने की कोशिश हुई। पिछले 70 साल अपनी छवि बचाने और दूसरे की बिगाड़ने की राजनीति हुई। उन चुनावी पंडितों को सोचना होगा कि पारदर्शिता और परिश्रम के आगे कोई झूठ नहीं टिक सकता है। इसका कोई विकल्प नहीं है।
भाजपा की रग-रग में लोकतंत्र: उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में ईमानदारी से लोकतंत्र को रग-रग में लेकर जीने वाला अगर कोई दल है तो वह भाजपा ही है। जब दूसरे लोग सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का नाम नहीं होता, मगर हम जब सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का अस्तित्व शुरू होता है। त्रिपुरा को देख लीजिये, वहां 30 साल तक कम्युनिस्टों की सरकार थी, क्या वहां कोई विपक्ष था, कभी कोई चर्चा नहीं हुई। आज हम त्रिपुरा में सत्ता में हैं, आज वहां जानदार- शानदार विपक्ष है, उसकी आवाज सुनी जाती है। संविधान हमें जिम्मेदारी देता है कि विपक्ष की आवाज को महत्व दें।
दलों ने गरीबों की आवाज नहीं सुनी: लोकतंत्र को वोट बैंक की राजनीति ने कुचल दिया है। वोट बैंक की राजनीति के चलते राजनीतिक दलों ने गरीब तबके की आवाज नहीं सुनी। वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठने का समय आ गया है। अयोध्या में दीपावली मनाने से किसने और क्यों रोका। जब हमने सत्ता संभाली, तो 11 नंबर पर अर्थव्यवस्था थी लेकिन आज हम छह नंबर पर आ गए हैं और तीन नंबर के लिए प्रयासरत हैं।
अगले पांच साल कर्तव्य पथ के: मोदी ने कहा कि अपने अधिकार के लिए हम कई साल चले लेकिन अब अगले पांच साल कर्तव्य के पथ पर चलने का समय है। हम सभी को मिलकर प्राथमिक शिक्षा, अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए आगे आना होगा। ये देश मेरा है, देशवासी मेरे हैं, इसी सोच के साथ हम सभी को आगे बढ़ना होगा।