Sunday, May 26, 2019

सूरत में मरने वाले छात्रों की संख्या 23 हुई, कोचिंग सेंटरों पर रोक

साभार: जागरण समाचार  
सूरत के तक्षशिला कॉम्प्लेक्स में लगी आग की घटना में मरने वाले छात्रों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। पुलिस ने इस सिलसिले में कोचिंग सेंटर के संचालक को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बिल्डर और भवन
मालिक फरार हैं। घटना से हिली सरकार ने पूरे राज्य में वाणिज्यिक भवनों में चलने वाले कोचिंग सेंटरों को बंद करने का आदेश दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के आठ नगर निगमों और अन्य नगरपालिकाओं ने वाणिज्यिक भवनों में चल रहे सभी कोचिंग सेंटरों में आग से सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करने के आदेश दिए हैं। इन मानकों के पूरा होने तक सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन पर रोक रहेगी। इसके अलावा सरकार ने विभिन्न शहरों और कस्बों में स्थित कोचिंग सेंटरों, निजी अस्पतालों और अन्य इमारतों में अग्नि सुरक्षा मानकों की जांच शुरू कर दी है। सरकार ने कहा है कि फायर ब्रिगेड की एनओसी के बिना अब इनका संचालन नहीं किया जा सकेगा। अब तक अहमदाबाद में 700 स्थलों की जांच की गई जिनमें से 300 स्थलों पर अग्नि सुरक्षा की कोई सुविधा और उपकरण नहीं पाए गए। इसी क्रम में गांधीनगर स्थित पुस्तकालय, भरूच में 40 कोचिंग सेंटरों और अन्य स्थानों पर कई और इमारतों को सील कर दिया गया है। सरकार ने विभिन्न इमारतों में अग्नि सुरक्षा की जांच और नए नियम बनाने के लिए सोमवार को जिला कलेक्टरों और जिला शिक्षाधिकारियों की बैठक भी बुलाई है।
इसके साथ ही पुलिस ने तक्षशिला कॉम्प्लेक्स में चलने वाली आर्ट एवं ड्राइंग कोचिंग के संचालक भार्गव बुटाणी को गिरफ्तार कर लिया है। सूरत पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने बताया कि तक्षशिला कॉम्प्लेक्स के बिल्डर और भवन मालिक हेतुल वेरडिया और जिग्नेश पगडालू के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, दोनों की तलाश जारी है।
दोषी कौन:
  • बिजली बोर्ड : जो सरेआम खुले में बॉक्स लगाकर उनकी सुरक्षा के कोई उपाय और रखरखाव नहीं करता।
  • सूरत फायर ब्रिगेड : जिसने जरूरी फायर सेफ्टी के बिना इस अवैध सेंटर को चलने दिया।
  • शिक्षा विभाग : जिसने अहमदाबाद के परिमल गार्डन में इसी तरह चौथी मंजिल पर आग की घटना के बावजूद ऐसे स्थलों की सुरक्षा जांच में ढिलाई बरती।
  • सूरत महानगरपालिका: जिसने अवैध चौथी मंजिल पर प्लास्टिक का शेड लगाने अनुमति दी और कोचिंग चलने दी।