साभार: जागरण समाचार
हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा 524 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए आरंभ की गई भर्ती प्रक्रिया में सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण दिए जाने की पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हिमायत की है। हाई
कोर्ट ने कहा है कि हरियाणा सरकार इस मामले पर दोबारा विचार करके अपना जवाब दायर करे। इस भर्ती में हरियाणा सरकार द्वारा 25 फरवरी, 2019 को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक आरक्षण न दिए जाने पर रोहतक के सिकंदर नाम के युवक द्वारा दायर याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा जारी किए गए विज्ञापन में न तो आर्थिक रूप से कमजोर और ना ही आर्थिक पिछड़ों के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था की गई है। याची की दलील है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग को इन नियुक्तियों में 25 फरवरी को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण देना चाहिए। सुनवाई के दौरान, हरियाणा के एडवोकेट जनरल बी आर महाजन ने अदालत को बताया कि सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों के आरक्षित पदों पर नियुक्तियां किए जाने पर हाईकोर्ट की ही एक अन्य खंडपीठ ने रोक लगा रखी है। उन्होंने अदालत को बताया कि आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए 12 जनवरी, 2019 को संविधान के अनुभाग 15 और 16 में संशोधन किए जाने का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। महाधिवक्ता की इस दलील पर जस्टिस रितु बाहरी ने कहा है सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिसूचना के तहत आरक्षण दिए जाने पर रोक नहीं लगाई है।