साभार: जागरण समाचार
कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश से उपजा सियासी संकट पार्टी खत्म नहीं हो रहा। पार्टी में राहुल को फैसला बदलने के लिए मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। यूपीए के सहयोगी दलों के नेता भी राहुल
को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। मनाने की तमाम कोशिशों के बाद भी इस्तीफा देने की जिद पर अड़े राहुल को समझाने के लिए पार्टी नेताओं ने अब सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को आगे किया है।
राहुल के पद छोड़ने की पेशकश ने लोकसभा चुनाव की हार से पस्त हुई कांग्रेस का सियासी संकट और गहरा कर दिया है। इसीलिए पार्टी के तमाम दिग्गज प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी के जरिये राहुल को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनावी हार में पार्टी के दिग्गजों की भूमिका से नाखुश राहुल कुछ चुनिंदा नेताओं के अलावा किसी नेता से मिल भी नहीं रहे। यूपीए के सहयोगी दलों के नेता भी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी को सलाह देते हुए कहा कि इस्तीफा देना भाजपा के जाल में फंसने जैसा होगा। द्रमुक प्रमुख स्टालिन ने राहुल गांधी को फोन कर इस्तीफा देने जैसा कदम नहीं उठाने का अनुरोध किया। तमिलनाडु की राजनीति में सक्रिय स्टार अभिनेता रजनीकांत ने भी राहुल को सलाह दी कि वह अभी युवा हैं और चुनावी हार के बाद ऐसा कदम उन्हें नहीं उठाना चाहिए।
प्रियंका बनीं समाधान की सूत्रधार: प्रियंका गांधी इस संकट के समाधान में सूत्रधार की भूमिका निभा रही हैं। प्रियंका के साथ मंगलवार को केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने राहुल गांधी से उनके तुगलक लेन आवास पर मुलाकात की।
माना जा रहा है कि इन तीनों ने पार्टी के दिग्गज नेताओं की ओर से समाधान का रास्ता निकालने के विकल्पों पर चर्चा की। हालांकि राहुल अपने रुख से टस से मस नहीं हुए हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राहुल ने अपने आवास पर पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात भी नहीं की। वहां प्रियंका ने दोनों नेताओं से अलग-अलग मुलाकात और चर्चा की।
दोपहर के खाने पर मनाने की कोशिश: वेणुगोपाल, प्रियंका और रणदीप से चर्चा के बाद दोपहर में राहुल गांधी अपनी बहन के साथ दस जनपथ गए। वहां सोनिया, राहुल और प्रियंका ने दोपहर का खाना साथ खाया। कांग्रेस अध्यक्ष शाम करीब छह बजे अपनी मां सोनिया गांधी के साथ तुगलक लेन के अपने आवास वापस लौटे। सूत्रों के अनुसार फिलहाल कांग्रेस के पास नेतृत्व के लिए राहुल का विकल्प नहीं होने की पार्टी नेताओं की दलील और दबाव के मद्देनजर सोनिया-प्रियंका राहुल को समझाने का प्रयास कर रही हैं।
विकल्पों पर भी हो रही चर्चा: कार्यसमिति के सदस्य व असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का कहना है कि राहुल कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की अपनी पेशकश पर दृढ हैं। गोगोई ने कार्यसमिति की बैठक में वरिष्ठ नेताओं से राहुल की नाराजगी की बात भी कही। पार्टी के सियासी संकट का रास्ता निकालने के लिए सक्रिय एक वरिष्ठ नेता ने भी गोगोई की बात की पुष्टि की। राहुल के इरादा नहीं बदलने की स्थिति में दूसरे विकल्पों पर भी गौर किया जा रहा है।