साभार: जागरण समाचार
हरियाणा के चुनावी रण में दस लोकसभा सीटें जीतने के बाद भाजपा ने अब विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अब राज्य में 100 दिन के एजेंडे पर काम
करेगी। प्रदेश में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं। सितंबर माह के मध्य में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी और 15 से 19 अक्टूबर के बीच नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। लिहाजा सरकार इस अवधि में जमकर काम करेगी। बिजली, पानी और सड़कों का निर्माण सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
भाजपा सरकार के पास अब काम करने के लिए मात्र चार महीने का समय बचा है। इसमें भी सरकार सिर्फ 100 दिन तक ही ग्राउंड वर्क पूरा कर सकेगी। इसलिए सरकार ऐसी कोई भी नई घोषणा नहीं करेगी, जिसे 100 दिन के भीतर पूरा न किया जा सके। सरकार का पूरा फोकस पुरानी लंबित घोषणाओं को पूरा करने पर रहेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में साढ़े छह हजार के आसपास घोषणाएं की हैं। इनमें आधी से ज्यादा पूरी हो चुकी और कुछ पाइप लाइन में हैं। मुख्यमंत्री का जोर इन सभी घोषणाओं को निर्धारित समय अवधि में पूरा कराने का है, ताकि विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष सरकार के कामकाज व सीएम घोषणाओं को लेकर किसी तरह की अंगुली न उठा सके।
भाजपा सरकार ने हालांकि लोकसभा चुनाव में विपक्ष को पूरी तरह से ढेर कर दिया है, लेकिन विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले सरकार किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। सरकार की योजना विधानसभा में मिशन-90 हासिल करने की है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से कहा है कि वे अपने विभागों की लंबित घोषणाओं और परियोजनाओं को पूरा कराने पर जोर दें। सीएम घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे। मुख्यमंत्री जरूरी काम निपटाने के बाद हर रोज रात को अपने आइपैड पर विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हैं। अगले दिन अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा है कि वे ऐसी कोई भी नई घोषणा न करें, जिसे 100 दिन में पूरा न किया जा सके।
बिजली, पानी और सड़कें सरकार के एजेंडे में: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार को चुनावी सभाओं में मुख्य रूप से बिजली, पानी और सड़कों के मुद्दे पर लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। चुनाव के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वीकार किया कि पेयजल की अनुपलब्धता को लेकर कुछ लोगों ने बहिष्कार भी किया, हालांकि चुनाव का बहिष्कार उचित नहीं होता, लेकिन मुख्यमंत्री ने पीने के पानी, बिजली और सड़कों से जुड़ी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने की बात कही है।
- हरियाणा में पुरानी परंपरा रही है कि चुनाव से छह माह पहले भारी-भरकम घोषणाएं की जाती रही हैं लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जाता। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस परंपरा में यकीन नहीं करते। पुरानी घोषणाओं और विकास परियोजनाओं पर तेजी लाएंगे। सरकार की घोषणाओं को पूरा कराकर एक रिपोर्ट बनाएंगे, जिसके आधार पर लोगों को जानकारी दी जाएगी कि भाजपा ने जो कहा है, वह करके दिखाया है। मुख्यमंत्री खुद इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं। - राजीव जैन, मीडिया सलाहकार, सीएम हरियाणा