Saturday, May 25, 2019

आज NDA के नेता चुने जाएंगे मोदी, 30 को लेंगे शपथ

साभार: जागरण समाचार  
17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने अपने बूते 303 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। जबकि भाजपा समेत राजग के अन्य घटक दलों ने 350 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है। इस ऐतिहासिक जीत के
बाद राजग ने सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से संसदीय दल का नेता चुना जाएगा।
 इसके लिए न सिर्फ भाजपा बल्कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे समेत राजग के सभी 39 दलों के सदस्य व नेता शनिवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में उपस्थित होंगे। सभी दलों की ओर से भाजपा को समर्थन की चिट्ठी भी सौंपी जाएगी। बताते हैं कि नरेंद्र मोदी इस महीने की 30 तारीख को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उनके साथ करीब चार दर्जन मंत्री भी शपथ लेंगे।
आम चुनाव की मतगणना के एक दिन बाद शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में राजग की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी गई। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 16वीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की गई। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद से मुलाकात की और उन्हें लोकसभा भंग करने की सिफारिश और अपनी मंत्रिपरिषद का त्यागपत्र सौंपा, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने नई सरकार के पदभार संभाल लेने तक प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद को पद बने रहने को कहा है।
सूची सौंपे जाने पर शुरू होगा नई लोस का गठन: नई लोकसभा के गठन की प्रक्रिया तब शुरू होगी जब तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति को नवनिर्वाचित सांसदों की सूची सौंप देंगे। वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल तीन जून तक है। अगर इसे तब तक भंग नहीं किया गया तो यह स्वत: भंग हो जाएगी। यह एक संवैधानिक औपचारिकता है।
नेता चुने जाने के बाद राष्ट्रपति को देंगे सूचना: शनिवार को राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद मोदी राष्ट्रपति को राजग सांसदों की सूची सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इसके बाद ही शपथ ग्रहण की तिथि तय की जाएगी। मोदी का नेता चुना जाना वैसे तो औपचारिकता मात्र है, लेकिन इस दौरान वह सभी नवनिर्वाचित सांसदों से पहली बार रुबरू होंगे।
शपथ ग्रहण से पहले जा सकते हैं वाराणसी: शपथ ग्रहण के पहले प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी भी जा सकते हैं। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद प्रधानमंत्री कभी चुनाव प्रचार के लिए वाराणसी नहीं जा पाए थे। शपथ लेने के पहले वाराणसी जाकर वह जनता को जीत के लिए धन्यवाद देंगे और गंगा आरती करेंगे।
पांच साल अनुभव करेंगे साझा: राजग सांसदों की बैठक से पहले भाजपा के नवनिर्वाचित सांसदों की भी बैठक होगी। इसमें वह 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित पार्टी सांसदों को संबोधित करेंगे। वह सांसद के रूप में अपने पांच साल के अनुभव को भी साझा करेंगे और खासकर नए सांसदों को गरिमापूर्ण तरीके से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की हिदायत देंगे।
दूसरी बार चुने गए हैं लोस सदस्य: मोदी दूसरी बार लोकसभा के सदस्य चुने गए हैं। 2014 में पहली बार सांसद के रूप में उन्होंने प्रवेश से पहले संसद भवन की सीढ़ियों पर झुककर संसद को प्रणाम किया था। मोदी का कहना था कि वह संसद को लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं। यही नहीं, भाजपा को पहली बार लोकसभा में पूर्ण बहुमत दिलाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी की ओर से आभार प्रकट किए जाने पर वह अपने संबोधन के दौरान भावुक भी हो गए थे।