साभार: जागरण समाचार
पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक तरह से संदेश दे दिया गया है कि अगले कार्यकाल में पाकिस्तान के साथ रिश्ते किस तरह से होंगे। 30 मई को प्रधानमंत्री व कैबिनेट के शपथ समारोह में भारत ने बिम्सटेक के सदस्य
देशों (भारत के अलावा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाइलैंड व म्यांमार) को आमंत्रित किया है। पिछली बार मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सभी सदस्य देशों को बुलाया गया था। तब पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने इसमें हिस्सा लिया था। लेकिन वर्ष 2016 से भारत सार्क की जगह बिम्सटेक को बढ़ावा दे रहा है और इस बार आमंत्रण से यह भी स्पष्ट है कि नई सरकार के कार्यकाल में भी यह नीति जारी रहेगी।
विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया है कि, ‘भारत सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिम्सटेक के सदस्य देशों को आमंत्रित किया है। सरकार की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत आमंत्रण भेजा गया है। इसके अलावा किर्गिज रिपब्लिक के राष्ट्रपति और मारीशस के पीएम को भी आमंत्रित किया गया है।’’ किर्गिज रिपब्लिक के राष्ट्रपति को आमंत्रण इसलिए दिया गया है कि वह अभी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अध्यक्ष है।
एससीओ के शीर्ष नेताओं की बैठक 14-15 जून, 2019 को होनी है और उसमें पीएम मोदी के भाग लेने जाने वाले हैं। बिम्सटेक में सार्क के अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मालदीव के अलावा अन्य सभी सदस्य देश हैं।