साभार: जागरण समाचार
सूरत की एक चार मंजिला इमारत में शुक्रवार दोपहर भीषण आग लग गई। इसमें इमारत में चलने वाली ट्यूशन क्लासेस में पढ़ने आने वाले 18 बच्चों की मौत हो गई। आग की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है।
राज्य सरकार ने घटना के लिए सूरत महानगरपालिका को जिम्मेदार ठहराया है।
सूरत के सरथाणा इलाके में चार मंजिला तक्षशिला इमारत में स्मार्ट डिजायन स्टूडियो और ट्यूशन क्लासेज चलते हैं। कथित रूप से शॉर्ट सर्किट के कारण इमारत की छत पर लगे प्लास्टिक शेड और वहां रखे टायरों ने आग पकड़ ली। जल्द ही पूरी इमारत धुएं से घिर गई। बच्चों की मौत दम घुटने, जलने व इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल से कूदने की वजह से हुई। हालांकि नीचे कूदकर एक दर्जन से अधिक बच्चों व लोगों ने अपनी जान बचा ली। इस दौरान जख्मी हुए लोगों का उपचार चल रहा है जिनमें से तीन की हालत नाजुक है। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड ने 19 अग्निशमन गाड़ियों और दो हाइड्रोलिक वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
सरकार ने शहरी विकास विभाग के सचिव को घटना की जांच करने और तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने कहा कि घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कई लोगों ने आग की घटना और इमारत से बच्चों के कूदने के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिए और सरकार व प्रशासन के कामकाज पर सवाल उठाए। लिहाजा माना जा रहा है कि सरकार अब ट्यूशन क्लासेस को बिना मंजूरी चलाने पर रोक लगा सकती है। फिलहाल, गुजरात में इसके लिए मंजूरी की जरूरत नहीं है जिससे हर कहीं ऐसे ट्यूशन क्लासेस खुल गए हैं।
- सूरत में आग की घटना से बेहद व्यथित हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैंने गुजरात सरकार और स्थानीय अधिकारियों को प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
- राज्य सरकार को इस घटना पर गहरा दु:ख है। घायलों का उपचार पहली आवश्यकता है। मृतक बच्चों के परिजनों को सरकार चार-चार लाख रुपये की सहायता देगी। - विजय रूपाणी, मुख्यमंत्री, गुजरात