साभार: जागरण समाचार
संसद में राजग के सर्वमान्य नेता चुने जाने के साथ ही प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने जा रहे नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जबर्दस्त बहुमत के बावजूद राजग उनके राजनीतिक विश्वास का आधार है।
नई सरकार में ‘राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा और क्षेत्रीय आकांक्षा’ उनका सूत्रवाक्य होगा। राजग और मजबूत होगा। अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतने की बात करते हुए उन्होंने साफ किया कि नई सरकार सबका साथ, सबका विकास ही नहीं, सबका विश्वास भी हासिल करेगी। जनता की अपेक्षाओं पर उन्होंने कहा, ‘हम कुछ न कुछ नहीं, बहुत कुछ करने आए हैं।’
शनिवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में पहले भाजपा संसदीय दल ने एकमत से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना और उसके बाद राजग के सहयोगी दलों में एक-एक कर अकाली दल, जदयू, शिवसेना, लोजपा व अन्य ने मोदी को राजग का नेता चुना। देर शाम सहयोगी दलों के साथ मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। इससे पहले नेता चुने जाने के बाद मोदी ने संविधान की प्रति को प्रणाम करते हुए अपना संबोधन दिया। अपने भाषण में उन्होंने सहयोगी दलों, देश की जनता को और अपने सांसदों को संदेश दिया। 39 सहयोगी दलों की उपस्थिति में ‘नेशनल एंबीशन, रीजनल एस्पिरेशन’ (राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा और क्षेत्रीय आकांक्षा) की बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश अब इसी पटरी पर दौड़ेगा। एक तरफ जहां यह राजग को मजबूत करने का संकेत था, वहीं यह भी जता दिया कि सभी राज्यों को साथ लेकर देश आगे बढ़ेगा। मोदी पहले भी को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की बात करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजग अपने दो रसायनों एनर्जी और सिनर्जी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने भाजपा के विस्तार में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के योगदान को भी सराहा। अल्पसंख्यकों से भेदभाव के आरोपों पर मोदी ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने अल्पंसख्यकों के मन में डर बिठाया। चुनाव में भी उन्हें इसी भय के सहारे अलग-थलग किया गया। एक छलावा तैयार किया गया।
नई सरकार उस छलावे में छेद करेगी। उन्होंने कहा, ‘अब सबका साथ, सबका विकास के साथ सबका विश्वास भी जीतना है। जिसने वोट दिया और जिसने विरोध किया हर किसी को साथ लेकर चलना है।’ जनता को धन्यवाद देते हुए मोदी ने 2014 में जीत के बाद गरीबों, वंचितों के लिए काम करने का अपना वादा याद दिलाते हुए कहा कि पांच साल गरीबों के लिए सरकार चलाई और अब 2019 में गरीबों ने सरकार बनाई है। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि यह हर सांसद के दिल-दिमाग में होना चाहिए कि विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। इसी क्रम में उन्होंने महात्मा गांधी, दीनदयाल, लोहिया और बाबा साहब आंबेडकर के नाम का जिक्र किया।
भाषण की अहम बातें:
- सबका साथ, सबका विकास ही नहीं, सबका विश्वास भी हासिल करेंगे
- जो हमें वोट देते हैं, वह भी हमारे और जो हमारा विरोध करते हैं, वह भी हमारे हैं
- कुछ लोगों ने अल्पंसख्यकों के मन में डर बिठाया। एक छलावा तैयार किया गया। नई सरकार उस छलावे में छेद करेगी
- 2014 से 2019 तक हमने गरीबों के लिए सरकार चलाई। 2019 में गरीबों ने सरकार बनाई
- विश्वास सबसे बड़ा लुब्रिकेंट है। मैं आप सभी के विश्वास पर खरा उतरूंगा
- जनता ने हमें सेवाभाव के कारण ही स्वीकार किया
- मंत्री बनने के लिए पैरवी न करें, जिन्हें यह तय करना है, उन्हें अपना काम करने दें
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पीएमओ को प्रभावी की जगह सक्षम बनाना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद पीएमओ स्टाफ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने कई प्रधानमंत्री देखे होंगे, कई मंत्री देखे होंगे, लेकिन मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने आपको देखा है। प्रधानमंत्री ने कर्मचारियों का अभिनंदन किया और पिछले पांच साल के दौरान कामकाज में सहयोग के लिए उन्हंे धन्यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी परिणाम तब तक नहीं मिलता, जब तक कोई समर्पित टीम नहीं मिलती है। पीएमओ स्टाफ की उन्होंने जमकर तारीफ की।