साभार: जागरण समाचार
फरीदाबाद के राजकीय कॉलेज में छात्रा के उत्पीड़न मामले में आरोपित एसोसिएट प्रोफेसर सीएम वशिष्ठ की अग्रिम जमानत याचिका बृहस्पतिवार को न्यायाधीश जेबी गुप्ता की अदालत ने खारिज कर दी है। इससे पुलिस
पर आरोपित की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपित फरार है। आरोपित की ओर से पेश हुए वकील संजीव चौधरी ने बताया कि जमानत याचिका रद हो गई है, मगर अब उनके पास उनके पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प बचा है।
बता दें कि राजकीय कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर सीएम वशिष्ठ, लैब अटेंडेंट जगदेव और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विक्रम पर एक छात्र ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। इस संबंध में तीनों के खिलाफ महिला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। एसोसिएट प्रोफेसर तभी से फरार है। इस मामले में दो आरोपितों लैब अटेंडेंट जगदेव और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विक्रम को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इस मामले में जांच के दौरान दुष्कर्म का प्रयास और एससी, एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गईं। इन्हीं धाराओं के कारण आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका रद हुई। पुलिस का दावा है कि काफी कोशिश के बाद भी एसोसिएट प्रोफसर हाथ नहीं आया। इसी बीच उसने अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी लगा दी। छात्र नेता अनिल चेची का कहना है कि पुलिस जान बूझकर आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर रही। उसे जमानत याचिका लगाने का अवसर दिया जा रहा है। जबकि इस मामले में वह मुख्य कड़ी है। चेची का कहना है कि वह बाहर रहकर शिकायतकर्ता छात्र पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।