साभार: जागरण समाचार
लोकसभा चुनाव में इनेलो के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर अशोक अरोड़ा ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इनेलो प्रदेशाध्यक्ष ने पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को चिट्ठी
भेजी है। हालांकि पूरी संभावना है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होगा और वह पहले की तरह पद पर काम करते रहेंगे। अरोड़ा के इस कदम को कार्यकर्ताओं और विरोधी दलों पर मानसिक दबाव बनाने की राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान इनेलो एक तरह से हाशिये पर आ गया। इस दौरान तीन विधायकों ने पार्टी छोड़ दी, जबकि चार विधायक पहले ही दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी में जा चुके हैं। चुनाव से ठीक पहले बहुजन समाज पार्टी ने भी इनेलो से गठबंधन तोड़ लिया था। इस कारण चुनाव में इनेलो ने कुरुक्षेत्र और सिरसा को छोड़कर किसी भी सीट पर मजबूत प्रत्याशी नहीं उतारा।
इनेलो के पक्ष में जो परिणाम आए हैं, उनके बारे में पहले ही अटकलें लगाई जा रही थी। अंबाला में इनेलो प्रत्याशी रामपाल 19,518, भिवानी में बलवान सिंह 8065, फरीदाबाद में महेंद्र सिंह चौहान 12,070 और गुरुग्राम में वीरेंद्र सिंह राणा 9911 वोटों पर सिमट गए।