साभार: जागरण समाचार
लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के लिए कालीघाट स्थित अपने आवास पर शनिवार को मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी के नेताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
इसके बाद संवाददाता सम्मेलन में ममता ने कहा-‘मैं सीएम का पद छोड़ना चाहती थी लेकिन पार्टी ने स्वीकार नहीं किया। मुङो कुर्सी की कोई इच्छा नहीं है। मैं पार्टी प्रमुख के तौर पर काम करना चाहती हूं।’ ममता ने आगे कहा-‘ पिछले पांच महीने मुङो काम नहीं करने दिया गया। बंगाल में आपातकाल जैसे हालात पैदा किए गए। मैं खुद को अपमानित महसूस कर रही हूं इसलिए कहना चाहती हूं कि इस माहौल में मुङो मुख्यमंत्री बने रहने की इच्छा नहीं हो रही। मैंने पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों का त्याग किया है। पार्टी ने पद त्याग को स्वीकार नहीं किया इसलिए पद पर बनी हुई हूं। लेकिन मैं तभी इस पद पर रहूंगी, जब समूची पार्टी एकजुट रहने का वादा करे।’ चुनावी नतीजे आने के बाद से ममता पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आई हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि चुनाव में तृणमूल के कुछ लोगों ने भाजपा से रुपये लेकर चुनाव में काम किया है। पार्टी में कुछ विश्वासघाती लोग हैं, जिन्हें वह पहचान रही हैं। उन्होंने एक बार फिर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया, अन्यथा ऐसा हो ही नहीं सकता कि समूचे देश में विपक्ष को इस तरह की हार का सामना करना पड़ता।