साभार: जागरण समाचार
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से 12वीं तक मुफ्त शिक्षा को लेकर प्राथमिकता से विचार करने को कहा है। कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मुफ्त शिक्षा आठवीं से बढ़ाकर
12वीं तक किए जाने की मांग की गई है। हाई कोर्ट की पीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि यह गंभीर नीतिगत मामला है और इस पर नई सरकार को प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। पीठ ने इस मामले पर आगामी 22 जुलाई को होने वाली सुनवाई से पहले शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश भी दिए। पिछली तारीख पर मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने शपथपत्र दाखिल कर कहा था कि इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। शिक्षा का अधिकार एक्ट के तहत 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र व राज्य सरकार को अनुदान की व्यवस्था करनी होगी, जो कि नई सरकार के गठन के बाद ही संभव है। हालांकि, केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता है, तब तक दिल्ली सरकार ऐसे स्कूलों से संपर्क करे जो कि आठवीं के बाद आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को दाखिला देने से इन्कार कर रहे हों। अदालत ने गैर सरकारी संस्थान सोशल जूरिस्ट की तरफ से दायर जनहित याचिका पर केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।