Tuesday, April 18, 2017

जान बूझ कर निजी स्कूल संचालकों ने रोकी एसएलसी तो होगी विभागीय कार्रवाई

यदि निजी स्कूल संचालकों ने स्कूल बदलने की इच्छा रखने वाले किसी विद्यार्थी का स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) जबरन रोका तो शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करेगा। विभाग ने दाखिला शुरू होने के
साथ ही निजी स्कूलों पर नजर रखनी भी शुरू कर दी है। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी बीईओ को इसके लिए आदेश जारी किए है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। निजी स्कूलों में एक अप्रैल से विद्यार्थियों के दाखिलों का दौर शुरू हो गया है। इस दौरान काफी विद्यार्थी मौजूदा स्कूल छोड़कर दूसरे स्कूल में दाखिला लेते है। स्कूल छोड़ने के लिए विद्यार्थी को स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) की जरूरत होती है। जो मौजूदा स्कूल प्रशासन की ओर से जारी किया जाता है। शिक्षा विभाग को कई अभिभावकों से शिकायतें मिल रही है कि वे अपने बच्चों को मौजूदा स्कूल से हटाकर सरकारी किसी अन्य स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं लेकिन स्कूल प्रशासन इसके लिए एसएलसी नहीं दे रहा है। जिस कारण विद्यार्थी स्कूल नहीं छोड़ पा रहा है। 
निजी स्कूलों में फीस बढ़ी: निजी स्कूल संचालकों ने पिछले साल के मुकाबले इस साल 10 से 15 फीसदी तक हर कक्षा की फीस बढ़ा दी है। इसके साथ विद्यार्थियों को वेलफेयर फंड कई हिडन चार्ज देने पड़ते है। इसलिए कई अभिभावक निजी स्कूल में भेजकर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाते है। 
बच्चों की संख्या कम होने से डरते हैं स्कूल संचालक: निजी स्कूल संचालक अपने स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने से डरते है। इसलिए वे अभिभावकों को समझा-बुझाकर अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाने का वायदा कर विद्यार्थियों को दूसरे स्कूल में दाखिला नहीं लेने देते। 
एसएलसी राेकी तो निदेशालय को करेंगे कार्रवाई की सिफारिश: फतेहाबाद के डिप्टीडीईओ दयानंद सिहाग ने बताया कि कोई निजी स्कूल विद्यार्थी के एसएलसी को नहीं रोक सकता। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है और शिकायत आने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिक्षा निदेशालय को लिखा जाएगा। 
निजी स्कूलों में अब तक 28 हजार से अधिक बच्चे ले चुके हैं एडमिशन: फतेहाबाद जिले के निजी स्कूलों में अब तक 28 हजार 50 विद्यार्थी एडमिशन ले चुके हैं। इनमें पहली से पांचवीं तक कक्षा में 12 हजार 724 विद्यार्थी, छठी से आठवीं तक कक्षा में 8 हजार 229 विद्यार्थी हाई स्कूल में नौवीं 10वीं कक्षा में 5 हजार 344 विद्यार्थी, सीनियर सेकंडरी स्कूल में 11वीं 12वीं कक्षा में 1753 विद्यार्थी शामिल है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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