सालाना 50 लाख रुपए तक कमाई वाले वेतनभोगियों को अब रिटर्न फाइल करते समय सात के बजाय सिर्फ एक पेज का फॉर्म भरना पड़ेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उनके लिए आईटीआर फॉर्म-1 (सहज)
नोटिफाई किया है। यह उनके लिए है जिनकी आय का स्रोत वेतन, मकान और ब्याज है। नए सहज फॉर्म से दो करोड़ से अधिक करदाताओं को लाभ होगा। ये करदाता 1 अप्रैल से ही ऑनलाइन रिटर्न फाइल कर सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नए आईटीआर में पैन के साथ 'आधार' नंबर या इसकी एनरोलमेंट आईडी को भी अनिवार्य किया गया है। नोटबंदी यानी 9 सितंबर से 30 दिसंबर 2016 तक अगर बैंक में दो लाख या ज्यादा नकद जमा किया है, तो वह भी बताना पड़ेगा।
अब मात्र 4 डिडक्शन कॉलम: आधार का कॉलम पुराने आईटीआर में भी था, लेकिन पहली बार इसे अनिवार्य बनाया गया है। इसी तरह डिडक्शन के 20 कॉलम की जगह अब सिर्फ 4 कॉलम दिए गए हैं- 80सी, 80डी, 80जी और 80टीटीए। ये फॉर्म असेसमेंट वर्ष 2017-18 यानी वित्त वर्ष 2016-17 के लिए हैं।
सिर्फ 7 आईटीआर फॉर्म: आईटीआर फॉर्मों की संख्या नौ से घटाकर सात कर दी गई है। आरटीआर-2, आईटीआर 2ए और आईटीआर-3 को मिलाकर बस एक फॉर्म आईटीआर-2 कर दिया गया है। आईटीआर-4 को बदलकर आईटीआर-3 और आरटीआर-4एस (सुगम) को आईटीआर-4 (सुगम) किया गया है। सभी फॉर्म ऑनलाइन भरे जाएंगे।
इन्हें ऑफलाइन रिटर्न की छूट: आईटीआर-1 और आईटीआर-4 (सुगम) ऑफलाइन भरने की छूट उन करदाताओं को होगी जो 80 साल या अधिक उम्र के हैं। अविभाजित हिंदू परिवार के ऐसे सदस्य जिनकी आय पांच लाख रुपए से अधिक हो और जिन्हें रिफंड नहीं चाहिए, वे भी कागजी रिटर्न जमा कर सकते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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