Sunday, February 14, 2016

जाट आरक्षण आंदोलन अपडेट: सहमति बनी, लेकिन आंदोलन वापस लेने पर संशय

आरक्षण की मांग को लेकर ट्रैक पर जमे जाटों ने आखिरकार 36 घंटे बाद शनिवार रात करीब 11 बजे आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी। इससे पहले जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के बीच करीब डेढ़ घंटे तक वार्ता चली, लेकिन धनखड़ के धरनास्थल पर जाकर आश्वासन देने पर सहमत न होने से विफल हो गई थी, लेकिन बाद में जाट नेताओं को फिर से वार्ता के लिए बुलाया गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसमें सहमति बनने के बाद समिति के प्रदेशाध्यक्ष हवासिंह सांगवान ने रविवार से आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी। इससे पहले आंदोलनकारी दूसरे दिन भी हिसार-दिल्ली ट्रैक पर डटे रहे। सांगवान की अगुवाई वाले इस आंदोलन को यशपाल मलिक गुट ने भी समर्थन दिया। आंदोलन को मजबूती मिलती देख जाटों ने रविवार से रोहतक, भिवानी, नरवाना में भी रेलवे ट्रैक पर बैठने का एलान कर दिया था। ट्रैक जाम होने से हिसार से भिवानी, रोहतक, सिरसा रूट पर रेल सेवा बाधित रही और यात्री परेशान रहे। इन जिलों से आवागमन करने वाली ट्रेनों के रूट बदलने और यात्री भार कम होने से रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ है। दिन भर इस इंतजार के बाद शाम को कृषि मंत्री धनखड़ की ओर से आंदोलनकारियों को हांसी में वार्ता का न्यौता मिला। इस पर समिति के प्रदेशाध्यक्ष सांगवान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने वहां गेस्ट हाउस में करीब डेढ़ घंटे तक वार्ता की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
मलिक गुट 21 से रेल रोको आंदोलन पर अडिग: जाट आरक्षण की मांग को लेकर दो दिन पहले आंदोलन शुरू करने वाले कमांडेंट हवासिंह सांगवान गुट ने भले ही शनिवार रात आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी हो, लेकिन इससे सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई दे रही हैं। अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक 21 फरवरी से हरियाणा में रेल रोको आंदोलन पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि हम आंदोलन जरूर करेंगे और तभी खत्म करेंगे जब मांगें पूरी हो जाएंगी। शनिवार रात सरकार हवा सिंह सांगवान गुट की ओर से आंदोलन स्थगित करने की घोषणा के बाद अमर उजाला से बात करते हुए अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार राज्य में जाट-गैर जाट की आड़ में जातीय दंगे कराना चाहती है। सरकार की नीयत साफ नहीं है। इसलिए जाटों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। शनिवार को ही हवा सिंह गुट के आंदोलन को समर्थन देने वाले संगठन के मुखिया यशपाल मलिक ने बताया कि 21 फरवरी से मय्यड़ से ही राज्य में रेल रोको आंदोलन की शुरुआत होगी। 24 फरवरी को आंदोलन की शुरुआत उत्तर प्रदेश में होगी और 26 को दिल्ली में। जाटों को आरक्षण से कम कोई मांग स्वीकार नहीं होगी। मलिक ने बताया कि उनके संगठन की तीन मांग हैं। पहली, हरियाणा व ऐसे अन्य प्रदेश, जहां जाटों को आरक्षण नहीं है, दिया जाए। दूसरी, केंद्र सरकार एनसीबीसी संशोधन एक्ट को बजट सत्र में पास कराए और तीसरी मांग है कि हरियाणा सरकार इसी सत्र में जाट आरक्षण का बिल पाए कराए।
सात ट्रेन रद्द, छह का रूट डायवर्ट: मय्यड़ ट्रैक बंद करने से हिसार पहुंचने वाली दस गाड़ियां रद की गई हैं। इसके अलावा छह गाड़ियों के रूट बदले गए हैं। मालगाड़ियों का रूट भी हिसार- भिवानी से बदलकर हिसार-जाखल कर दिया गया है। रूट डायवर्ट किए जाने से रेल गाड़ियां ढाई से तीन घंटे देरी से आ रही हैं। 
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साभार: अमर उजाला समाचार 
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