Tuesday, February 16, 2016

शिक्षित पंचायतों ने लिए ये संकल्प, अब होगा कायाकल्प

प्रदेश का युवा पंचायतीराज शपथ ले चुका है। युवा पढ़े-लिखे सरपंचों ने विकास के बारे में सोचना भी शुरू कर दिया है। अपनी पंचायत को आदर्श बनाने के लिए महिला युवतियों में विशेष उत्साह देखने को मिला। महिला सरपंचों ने 4जी सोच से गांवों की तस्वीर बदलने का संकल्प साझा किया। कई सरपंचों ने कहा कि गांवों में
पक्के मकान बनाने के लिए गुजरात के मॉडल पर काम करेंगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मेवात और बल्लभगढ़ क्षेत्र की सरपंचों का कहना है कि वे तकनीकी के इस्तेमाल से गांव के पिछड़ेपन को दूर करेंगे। गांव की महिलाओं युवतियों का मोबाइल पर अलग से ग्रुप बनेगा, ताकि एक ही मैसेज करने से पूरा गांव एकत्रित हो सके। 
'दीपक हैं हम, दुश्मनी तो हमारी अंधेरे से है। पता नहीं ये हवाएं खामख्वाह हमारे पीछे क्यों पड़ी हैं।' ये पंक्तियां सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सीआर पॉलीटेक्निक के मैदान पर आयोजित सरपंचों के राज्यस्तरीय शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें उत्साहित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मैंने 62 वर्ष की उम्र में पहली बार चुनाव लड़ा और जीतकर सीएम भी बना। मैं खुद को अापसे जोड़कर देख रहा हूं। ऐसे में सभी के सामने चुनौतियां आती हैं। कुछ समय बाद भाग जाती हैं। ये पंक्तियां याद रखना। 
सरपंचों की चुनौतियों को कम करने के लिए सरकार ने पंचवर्षीय योजना का खाका भी तैयार किया है। पांच दिन की ट्रेनिंग के बाद से ही सभी सरपंचों का होमवर्क शुरू हो जाएगा। पहले होमवर्क के तौर पर सभी सरपंचों को अप्रैल में नया सत्र शुरू होते ही गांव के विकास का खाका तैयार करना होगा। इसके लिए सरपंचों को गांव में पांच साल के लिए डेवलपमेंट का प्लान तैयार करना होगा। इसी डेवलपमेंट प्लान के आधार पर पांच साल तक सरकार की ओर से विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी। डेवलपमेंट का ड्राफ्ट प्लान विकास एवं पंचायत विभाग में जमा करवाया जाएगा। इसमें सुधार करने के बाद इसका क्रियान्वयन विभाग की ओर से ही करवाया जाएगा। 

चलो जलाए दीप वहां, जहां अभी भी है अंधेरा: नवनिर्वाचित सरपंचों की हौसला अफजाई करवाने के लिए सीएम मनोहर लाल और कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने खूब कविता पाठ भी किया। सीएम ने कहा कि चलो जलाए दीप वहां, जहां अभी भी है अंधेरा। धनखड़ ने स्वरचित कविता का पाठ करते हुए सरपंचों से भी ताल मिलाई। बोले, निर्माण के प्रहरियों- ये दौर निकल ना जाए, उससे भी पहले उठकर आदर्श ग्राम कर लो, गांव का भरोसा-विकास की आस हो तुम, वर्षों का खोया जन का गौरव, विश्वास तुम हो। निर्माण के प्रहरियों- ये दौर निकल जाए, उससे भी पहले उठकर - कर्तव्य बोध कर लो। 
सीएम और कृषिमंत्री ने दिलाए सात संकल्प:
  1. गांव के हर व्यक्ति के नाम का एक पौधा लगाया जाएगा। 
  2. हर व्यक्ति का 12 और 330 रुपए का बीमा करवाया जाए। 
  3. गांव के हर पशु का बीमा करवाया जाए। 
  4. क्लाइमेट चेंज रोकने का भी संकल्प लेना होगा। 
  5. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लिए लोगों को जागरूक करें। 
  6. स्वच्छता का संदेश देते हुए हर किसी को अभियान से जोड़ें। 
  7. ग्राम सभा की बैठक जरूर करनी होगी। 
बुजुर्गों को दिलाऊंगी पेंशन: लोगों को सरकारी योजनाओं और मोबाइल टेक्नोलॉजी के बारे में बताया जाएगा, ताकि सरकारी विभागों को लेकर जागरूकता आए। इसके अलावा शिक्षा और आदर्श मॉडल के लिए दूसरे राज्यों के माॅडल से मदद ली जाएगी। स्कूलों में खेलों को ज्यादा बढ़ावा देने के लिए जिलास्तर के अधिकारियों से मदद लूंगी। -शालू देवी, बोदनी, कुरुक्षेत्र 

स्कूलों पर फोकस: मेरा गांव पिछड़ेपन का शिकार है। यहां 12वीं तक का स्कूल भी नहीं है। लड़कियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना मेरी पहली योजना है। इसके बाद पेय जल की सुविधा और गंदगी से निजात दिलाने पर फोकस करूंगी। -सुशीला, कलापुर माजरा डीघ, बहादुरगढ़ 
हर बेटी होगी पढ़ी-लिखी: मेरी तरह हर लड़की उच्च शिक्षा प्राप्त करेगी। सरकारी योजनाओं का प्रचार करेंगे, ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो सके और ग्रामीण सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के शिकार हो सकें। पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां सड़क, बिजली और पानी पर भी फोकस करना जरूरी है। -नीलम पाठक, हथीन, पलवल 
घर-घर पहुंचाऊंगी पानी: गांव में पानी की समस्या है। महिलाएं कई किलोमीटर दूर से सिर पर मटका भरकर लाती हैं, लेकिन अब घर-घर में पानी पहुंचाना प्राथमिकता है। दिल्ली से वकालत कर रही हूं। स्कूल में पढ़ाने के लिए अध्यापक नहीं हैं। बेटियां 8वीं के बाद घर पर बैठी हैं। इस तस्वीर को सबसे पहले बदलना है। -रीतू यादव, मुलौदी, महेंद्रगढ़ 
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साभार: भास्कर समाचार 
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