साभार: जागरण समाचार
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने बुधवार को सीनियर सेकेंडरी परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। इसमें बेटियों ने फिर बाजी मारी है। ओवरऑल परिणाम 74.48 फीसद रहा है। इसमें लड़कियां का पास फीसद 82.48
और लड़कों का 68. 01 फीसद रहा है। भिवानी के दीपक टॉपर रहे।
बोर्ड अध्यक्ष डा. जगबीर सिंह एवं बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बोर्ड मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि बोर्ड ने प्रमाण-पत्र और रिजल्ट डिजिटल लॉकर में रखा है। इससे परीक्षार्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश लेने में परेशानी नहीं होगी। 12वीं की परीक्षा में 1,91,527 परीक्षार्थी बैठे। इनमें से 1,42,640 उत्तीर्ण हुए और 29,688 परीक्षार्थियों की कम्पार्टमेंट आई। 19,199 परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण रहे हैं। इस परीक्षा में 1,05,947 लड़कों में से 72,056 पास हुए जबकि 85,580 लड़कियों में से 70,584 पास हुईं। उधर, स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 57.61 फसदी रहा है। परीक्षा में 19,144 स्वयंपाठी विद्यार्थी बैठे थे, जिनमें से 11,028 पास हुए। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी अपने परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाइट के अलावा मोबाइल एप पर भी देख सकते हैं। बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि विज्ञान संकाय में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बवानीखेड़ा(भिवानी) के दीपक ने 497 अंकों के साथ प्रथम स्थान पाया। वह ओवरऑल टॉपर भी रहे। वहीं एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छपार (झज्जर) की मुस्कान भारद्वाज ने 492 अंकों के साथ द्वितीय स्थान पाया। जीवन ज्योति वमावि मंढौला (रेवाड़ी) की गिफ्टी 490 अंकों के साथ तृतीय स्थान पर रहीं।
मां की प्यार की झप्पी
केमेस्ट्री - 100, >>फिजिक्स - 100
संस्कृत- 100, >>मैथ - 98
इंग्लिश - 99
स्कूल में नहीं थे साइंस शिक्षक, फिर भी दीपक ने किया टॉप, इंजीनियर बनने की तमन्ना
राजेश कादियान, बवानीखेड़ा: सच्ची लगन व कड़े परिश्रम के बलबूते हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसका उदाहरण हैं गांव पुर निवासी राजमिस्त्री राय सिंह व गुड्डी के बेटे दीपक जिन्होंने 12वीं में ओवरऑल प्रदेश में टॉप किया। वे कस्बा बवानीखेड़ा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नॉन मेडिकल के छात्र हैं। खास बात ये है कि इस स्कूल में विज्ञान संकाय के विषयों के शिक्षक न होने के बावजूद दीपक ने 500 में से 497 अंक हासिल किए। दीपक ने बताया कि प्रधानाचार्य बलबीर रंगा विज्ञान संकाय के शिक्षकों की कमी के चलते यहां के छात्रों को पढ़ने के लिए कस्बा के ही राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भेजते थे। वे वहां रोजाना 3 घंटे क्लास लगाते थे। दीपक की बहनों ने बताया कि भाई का वे आइआइटी में प्रवेश दिलाना चाहते हैं, लेकिन यह बहुत महंगा होता है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए अब वह बीटेक की तैयारी कर रहा है ताकि उसे किसी सरकारी कॉलेज में प्रवेश मिल सके।
प्राइवेट पर भारी पड़े सरकारी स्कूल
इस परीक्षा में सरकारी स्कूल निजी पर भारी रहे। राजकीय विद्यालयों का परिणाम 76.39 रहा, जबकि निजी विद्यालयों के 72.61 फीसद विद्यार्थी पास हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों का परिणाम 75.74 फीसद और शहरी क्षेत्र का परिणाम 71.83 फीसद रहा।
फीसद रहा स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम
फीसद रहा परीक्षा परिणाम
फीसद लड़कियां और 68. 01 फीसद लड़के पास
वाणिज्य संकाय में हिसार की पलक रही अव्वल, सीए बनने की तमन्ना
वाणिज्य संकाय में हिसार के पीजीएसडी वमावि की पलक ने 494 अंकों के साथ प्रथम स्थान हासिल किया। कनहेड़ी (फतेहाबाद) के आरोही मॉडल वमावि की तमन्ना गुप्ता ने 493 अंकों के साथ दूसरा और हिसार के पीजीएसडी वमावि की ही मोनिका ने 491 अंक लेकर तीसरा स्थान पाया। वाणिज्य संकाय की टॉपर पलक सीए बनना चाहती हैं। शांति नगर निवासी व पीजीएसडी स्कूल की छात्र पलक बताती हैं कि उनका घर महज 35 गज का है। अभावों के बीच सफलता की इबारत लिखने में अहम भूमिका निभाने वाले पलक के आदर्श उसके माता-पिता हैं। मां मोनिका के अनुसार पलक कभी घर से बाहर नहीं निकलती। वह अलार्म लगाकर सोती है और सुबह साढ़े चार बजे उठकर पढ़ाई करने लग जाती है। उसे पढ़ने के अलावा डांस और गीत सुनने का शौक है। स्कूल में पढ़ाई के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी पलक हिस्सा लेती है।
कला संकाय में पलवल के शिव कुमार और फरीदाबाद की शिवानी प्रथम
कला संकाय में पलवल के जीवन ज्योति पब्लिक वमावि के शिव कुमार व एसडी मेमोरियल वमावि मोहना (फरीदाबाद) की शिवानी वत्स ने 494 अंक लेकर संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया है। एसडी मेमोरियल वमावि मोहना (फरीदाबाद) की ही मानसी ने 492 अंक लेकर दूसरा और खरल (जींद) के कन्या गुरुकुल वमावि की गीता ने 491 अंक लेकर तीसरा स्थान पाया।
शिव कुमार
494/500
शिवानी वत्स
494/500
आइएएस बनना चाहते हैं शिव कुमार
कला संकाय के टॉपर फरीदाबाद के गांव खांबी निवासी शिवकुमार आइएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करना चाहते हैं। पलवल की कृष्णा कॉलोनी में अपने मामा के घर पर रहकर पढ़ाई करने वाले शिव कुमार ने शहर के जीवन ज्योति स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है। वे बताते हैं कि उनके पिता सोमदत्त किसान हैं तथा मां शारदा गृहिणी। स्कूल से आने के बाद घर पर सात घंटे नियमित रूप से पढ़ाई करते थे। उनके 10वीं कक्षा में 94 फीसद अंक आए थे। तभी लक्ष्य निर्धारित कर लिया था कि 12वीं में प्रदेश में टॉप करना है और आज यह मुकाम मिल भी गया।
शिवानी का सपना भी भारतीय प्रशासनिक सेवा
फरीदाबाद : बल्लभगढ़ उपमंडल के गांव पन्हेड़ा खुर्द की शिवानी वत्स एसडी मेमोरियल सीसे स्कूल मोहना की छात्र हैं। शिवानी के पिता बाबूराम मशीन आपरेटर और मां कमलेश गृहिणी हैं। शिवानी कहती हैं ‘मैंने प्रतिदिन सात से आठ घंटे पढ़ाई की। इच्छा है कि आइएएस अधिकारी बनूं। मैं आइएएस बन कर समाज के वंचित तबके की सेवा और नारी सशक्तीकरण के लिए काम करना चाहती हूं।’