Saturday, May 11, 2019

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने सिख दंगों पर विवादित बयान को लेकर मांगी माफी

साभार: जागरण समाचार  
सिख दंगों को लेकर अपने विवादित बयान पर चौतरफा घिरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। बयान को खारिज करते हुए इससे किनारा करने के कांग्रेस की घोषणा के तत्काल बाद पित्रोदा ने कहा कि
उन्हें हंिदूी ठीक से नहीं आती और उनके अधूरे वाक्य को तोड़-मरोड़ कर पेश कर बेवजह का विवाद खड़ा किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में पित्रोदा की 1984 के सिख दंगों को लेकर आई विवादित टिप्पणी ने शुक्रवार को सियासी बवाल मचा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी भाजपा ने इसके जरिये कांग्रेस पर हमलों की बौछार कर दी। इस मुद्दे की नजाकत को देखते हुए कांग्रेस ने इसके बाद बयान जारी कर साफ कर दिया कि यह पार्टी का बयान नहीं। इसके बाद सियासी बवाल पर पानी डालने के लिए शाम को पित्रोदा मीडिया से रुबरू हुए और माफी मांगी। हिमाचल में अपने बयान पर सफाई देते हुए सैम पित्रोदा ने कहा ‘मेरी हिंदी खराब है, मैं जो हुआ वह बुरा हुआ कहना चाहता था। मगर बुरा हुआ को मैं दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाया।’ उन्होंने कहा था- जो हुआ सो हुआ।सफाई देते हुए पित्रोदा ने यह भी कहा कि ‘भाजपा सरकार ने क्या किया और क्या दिया, इस पर चर्चा करने के लिए हमारे पास अन्य मुद्दे हैं। मुङो खेद है कि मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। मैं माफी मांगता हूं। इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया।’ पित्रोदा की सफाई से पहले कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने बयान जारी कर कहा कि पित्रोदा का बयान पार्टी का बयान नहीं है। कांग्रेस सिख दंगों के पीड़ितों के साथ खड़ी है। सिख दंगों के साथ ही हम 2002 के गोधरा दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
जाब्यू, नई दिल्ली : छठे चरण के चुनाव से ऐन पहले सिख विरोधी दंगों पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा ने सैम पित्रोदा को तत्काल कांग्रेस से निकालने और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी की मांग की है। भाजपा की प्रेस ब्री¨फग में सिख विरोधी दंगों की पीड़िता ने आपबीती भी सुनाई। सैम पित्रोदा के 1984 के सिख विरोधी दंगों पर ‘हुआ तो हुआ’ बयान को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र ने अमानवीयता की हद बताते हुए कहा कि यह सिर्फ दंगा नहीं था, बल्कि असल में सिखों का जनसंहार था। जब तक मानवीयता जीवित रहेगी, इसे भुलाया नहीं जा सकता। दंगों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की माफी को खारिज करते हुए पात्र ने कहा कि इसके लिए सोनिया और राहुल गांधी को जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए सिखों से माफी मांगनी चाहिए।