साभार: जागरण समाचार
134-ए के तहत दाखिलों में फंसे शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को फीस की प्रतिपूर्ति के बिलों की नई गाइडलाइन जारी की है। विभाग ने 2015 से 18 तक प्रति विद्यार्थी फीस की प्रतिपूर्ति 300 से 400 रुपये करने
का फैसला किया है। हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ ने इसे कम बताते हुए हाई कोर्ट में अवमानना का केस दायर करने की चेतावनी दी है।
शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक स्कूलों को 134-ए के तहत सोमवार शाम चार बजे फीस की प्रतिपूर्ति के लिए बिल जमा कराना है। निदेशालय स्तर के अधिकारियों की शनिवार शाम चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। विभाग ने 2015 और अब तक की फीस की प्रतिपूर्ति के बिल नए सिरे से भेजने का फैसला लिया।
आय प्रमाणपत्र और दूसरे बिंदुओं का समाधान: 134-ए के दाखिलों में अधिकतम आय राशि दो लाख रुपये तय की गई है। यह 2019-20 के लिए भी लागू होगी। विभाग ने स्पष्ट किया कि सरकार के अधिकृत अधिकारी का जारी आय प्रमाण पत्र मान्य होगा। 134-ए के अंतर्गत दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को अगले वर्ष किसी स्क्रीनिंग प्रकिया या टेस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। यह दाखिला स्कूल की उच्चतम कक्षा के लिए मान्य होगा। इधर कुछ स्कूल संचालकों का कहना है कि कुछ अभिभावकों का आय प्रमाण पत्र और उसकी वास्तविक आय में अंतर है। विभाग ने विद्यार्थियों के विषयों और पुस्तकों के बारे में भी स्पष्ट किया है। विद्यार्थी केवल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार परिभाषित विषयों या फिर एनसीइआरटी की ओर से अनुमोदित पुस्तकें खरीदने के लिए जिम्मेदार होगा। स्कूल विद्यार्थी पर अन्य पुस्तकों की खरीद का दबाव नहीं बना सकता। ऐसा होता है तो विभाग कार्रवाई करेगा।
डीईईओ धर्मबीर कादियान ने बताया कि स्कूलों को 134-ए के तहत फीस की प्रतिपूर्ति के लिए रिपोर्ट सोमवार शाम तक ऑफिस में देनी होगी। निदेशालय के नियमों के आधार पर ही प्रति विद्यार्थी प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी। प्रबंधन को नए दाखिलों के लिए गंभीरता से काम करना होगा।