हरियाणा की मनोहर कैबिनेट में जल्द ही फेरबदल होने की संभावना है। अप्रैल माह के पहले पखवाड़े में कैबिनेट में बदलाव हो सकता है। इस बदलाव के जरिए जहां भाजपा के डेढ़ दर्जन बागी विधायकों की नाराजगी दूर करने
की कोशिश होगी, वहीं उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा में भी डिप्टी सीएम बनाने का नया प्रयोग किया जा सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर मनोहर कैबिनेट के इस संभावित बदलाव को अहम माना जा रहा है। डिप्टी सीएम के पद पर किसी जाट नेता को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। आरक्षण आंदोलन के चलते जाट और गैर जाट के बीच पैदा हुई खाई को इस प्रयोग से पाटने की कोशिश होगी, ताकि भाजपा को राजस्थान में तो लाभ मिले ही, साथ ही हरियाणा में भी नुकसान न हो पाए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल से पिछले दिनों हुई मुलाकात के बाद से ही कैबिनेट में फेरबदल का माहौल बना हुआ है। 90 सदस्यीय विधानसभा में संख्या के लिहाज से सभी मंत्री पूरे हैं, लेकिन किसी नए मंत्री की एंट्री तभी हो पाएगी, जब मौजूदा किसी मंत्री को पद से हटाया जाएगा। भाजपा के डेढ़ दर्जन विधायक मनोहर के दो कद्दावर मंत्रियों के विभागों में काम नहीं होने से अधिक नाराज हैं। लिहाजा उनके कुछ विभाग बदलकर दूसरे मंत्रियों को दिए जा सकते हैं। डिप्टी सीएम यदि बनाया गया तो किसी जाट नेता को जिम्मेदारी मिलेगी और उनके विभाग गैर जाट मंत्री को सौंपकर पावरफुल बनाया जाएगा। एक मंत्री को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि इस मंत्री ने अपनी झंडी बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है। प्रदेश के आधा दर्जन मंत्रियों के विभागों में बदलाव संभव है। तीन कैबिनेट मंत्रियों को नए विभाग दिए जा सकते हैं, जबकि दो राज्य मंत्रियों में से एक को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।’
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साभार: जागरण समाचार
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