प्रदेश में पंचायत एवं निकाय चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पंचायतों
की वार्डबंदी का काम इस सप्ताह पूरा हो जाएगा। अगले दो महीने में राज्य
निर्वाचन आयोग अंतिम मतदाता सूची जारी कर देगा और जुलाई के आखिरी सप्ताह
में चुनाव की तारीख घोषित कर दी जाएगी। निर्वाचन आयोग अगस्त में पंचायत एवं
निकाय चुनाव कराने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। प्रदेश में पंचायत चुनाव दो
चरणों में होंगे। पहले चरण में पंच, सरपंच
और जिला परिषद के (पंचायत
चुनाव) कराए जाएंगे। दूसरे चरण में नगर परिषद और नगरपालिका के (निकाय
चुनाव) होंगे। इस अवधि में यदि किसी नगर निगम के चुनाव आए तो वह भी कराए
जाएंगे। पिछली सरकार ने सात नए नगर निगम गठित किए थे। भाजपा सरकार उनके
पुनर्गठन पर विचार कर रही है। प्रदेश में जिला परिषद और सरपंच के चुनाव
इवीएम से होंगे, जबकि पंच और पंचायत समिति के सदस्यों के चुनाव बैलेट पेपर
के जरिए कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन विभाग के पास 6800 इलेक्ट्रॉनिक
वोटिंग मशीन उपलब्ध हैं। यदि जरूरत पड़ी तो केंद्रीय निर्वाचन आयोग से
मशीनें मंगवाई जा सकती हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त राजीव शर्मा ने
निर्विरोध चुनी जाने वाली पंचायतों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का प्रस्ताव
सरकार के पास भेजा है। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री से भी अनुरोध करेंगे।
अभी तक ऐसी पंचायतों को दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उनका
मानना है कि प्रोत्साहन राशि बढ़ने से पंचायतों के चुनाव में आपसी समन्वय
और भाईचारा बढ़ेगा। राज्य निर्वाचन आयोग इस बार चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाने
पर भी विचार कर रहा है। अभी तक 35 से 50 हजार रुपये तक खर्च करने का
प्रावधान है, लेकिन खर्च बढ़ जाने के कारण निर्वाचन आयोग राज्य सरकार से
खर्च सीमा बढ़ाने का अनुरोध करेगा। इस संबंध में पहले राजनीतिक दलों के
प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर उनकी राय ली जाएगी। राज्य निर्वाचन अधिकारी
राजीव शर्मा की मानें तो 25 जुलाई के आसपास चुनाव प्रक्रिया घोषित किए
जाने की संभावना है और अगस्त में चुनाव होंगे।
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साभार: जागरण समाचार
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